Friday, October 29, 2010

पुलिस कि लूट कोतवाली में

देखिये किस प्रकार इस देश और प्रदेश में लूट मची हुई है. सरकारी नुमैन्दे भी लूटने के नए से नए हथकंडे अपनाते रहते है. अब चुनाव में ही चाहिए था कि एक हलफनामा दो मतलब स्टंप 10 वाला 50 का बिका उअर फिर पुलिस से करेक्टर लो उसमे तो आप सभी जानते ही है कि पुलिस का व्यवहार कैसा है? देखिये दैनिक जागरण में छपी एक बानगी --
कोतवाली में बिका कैरेक्टर
महेश शर्मा, घाटमपुर मतदान में हिंसा से परेशान जिला प्रशासन की शांतिपूर्ण मतगणना के लिए लागू की गयी एजेंटों के चरित्र सत्यापन की व्यवस्था का पुलिस ने ही मखौल बना डाला। मतगणना से 24 घंटे पहले जारी हुए इस फरमान का फायदा उठाकर खाकी की शह पर दलालों ने कोतवाली में चरित्र सत्यापन की रिपोर्ट और मुहर के नाम पर परेशान प्रत्याशियों व उनके समर्थकों से खुलेआम 20-20 रुपये वसूले। मतगणना में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को एजेंट न बनाने के चुनाव आयोग के निर्देश का पालन कराने के लिए विकास खंड दफ्तर पहुंचे प्रत्याशियों व उनके समर्थकों से मंगलवार को कहा गया था कि या तो अपने अभिकर्ताओं के चरित्र का सत्यापन पुलिस से करायें या अपराधी न होने का शपथपत्र दें। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट डा. मुत्तू कुमार स्वामी के मुताबिक यह व्यवस्था जिलाधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम की बैठक में दिए गए निर्देश पर लागू की गई। इस नियम के चलते बुधवार सुबह से ही प्रत्याशियों व एजेंटों की भीड़ कोतवाली के चक्कर काटने लगी। कोतवाली में भीड़ बढ़ी तो एक दलाल को व्यवस्था का जिम्मा सौंपकर उसकी टीम के लोगों को ही मुहर व दस्तखत का जिम्मा दे दिया गया। फिर क्या था 20-20 रुपये में चरित्र प्रमाणपत्र खुलेआम बिकने लगे। लोगों से फार्म जमा कराये गये और बिना कोतवाली के अभिलेखों से सत्यापन कराये दस्तखत व मुहर लगाकर बांटे जाने लगे। कोतवाली के भीतर खड़े जब्त वाहनों के ऊपर चढ़कर दलालों की टीम फार्म में लिखे आवेदकों के नाम पुकार-पुकार कर 20-20 रुपये वसूलने लगी। पुलिस की नाक के नीचे दिन भर चले इस तमाशे को देखकर लोग व्यवस्था को कोसते रहे। अगर थाने में बिना सत्यापन खुलेआम 20-20 रुपये वसूल कर रिपोर्ट व मुहर लगाकर चरित्र सत्यापन हुआ है तो आपत्तिजनक है। इस मामले में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा उच्चाधिकारियों से करेंगे। -डा. मुत्तू कुमार स्वामी बी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट। थाने से प्रत्याशियों व अभिकर्ताओं का न तो कोई चरित्र सत्यापन हुआ है, और न ही सत्यापन के नाम पर कोई धन वसूली की गयी है। -लाल बहादुर, एसपी (ग्रामीण)
पुलिस कि लूट कोतवाली में

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