Sunday, November 14, 2010

पुलिस ने पत्रकार को पीटा, हवालात में डाला

अमर उजाला 13 NOV 2010 दस अनुसार देंखे.
अपराध और अपराधियों पर नकेस कस पाने में नाकाम पुलिस आम लोगों पर अपनी ताकत दिखा रही है। मामूली मामलों में वर्दी को दागदार करने वाले पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। दीपावली के दिन जुआ खेल रहे एक युवक को छत से धक्का देने का मामला शांत नहीं हुआ है कि चमनगंज पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक पत्रकार को पहले सड़क और फिर थाने में बेरहमी से पीटा। इसके बाद उसे हवालात में डाल दिया। थोड़ी देर बाद सूचना मिलने पर पहुंचे साथियों ने पत्रकार को हवालात से बाहर निकाला। उल्टियां होने पर उसे उर्सला में भर्ती कराया। डीआईजी अशोक मुथा जैन ने अस्पताल में बयान लेने के बाद मामले की जांच एसपी पूर्वी को सौंप दी है।
पनकी स्वराज नगर निवासी जितेंद्र पांडेय एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र से जुड़े हुए हैं। बकौल जितेंद्र वह शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे अपने आफिस जा रहे थे। रास्ते में चमनगंज थानाध्यक्ष एसके सिंह और दरोगा विनय सिंह वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। पहले हेलमेट न पहनने पर हड़काया। फिर 100 रुपए का चालान कटवाने को कहा। जेब में केवल 50 रुपए होने पर उन्होंने अपना प्रेस कार्ड दिखाया। आरोप है कि दरोगा ने कार्ड फाड़ दिया। इस पर वह अपने साथी अनुराग से इस बात की मोबाइल पर शिकायत करने लगा। वह साथी से रुपए लेकर आने को कह रहा था। इसी बीच दरोगा और बाद में थानाध्यक्ष ने मातहतों के साथ उनकी पिटाई शुरू कर दी। उन्हें बेल्ट से पीटा गया।
थाने में सीओ सुएब इकबाल ने भी पिटाई की। इसके बाद यह कहते हुए हवालात में डाल दिया गया कि जेल भेजकर वाहन सीज करो। बाद में पत्रकार को उनके साथी छुड़ाकर पहले हैलट और फिर उर्सला ले गए। जितेंद्र की ओर से थानाध्यक्ष, दरोगा और अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ मारपीट, मोबाइल छीनने की तहरीर दी गई है।
उधर चमनगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि पत्रकार न चालान का पैसा दे रहा था और न ही रसीद ले रहा था। हुज्जत करने पर उसकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हुई थी। जितेंद्र से उन्होंने या उनके दरोगा ने मारपीट नहीं की है।

Sunday, November 7, 2010

POLICE TURNING: सिपाहियों ने युवक को छत से फेंका, मौत

POLICE TURNING: सिपाहियों ने युवक को छत से फेंका, मौत: "दैनिक जागरण के एक समाचार के अनुसार रायपुरवा क्षेत्र में जुआ पकड़ने गये पुलिसकर्मियों ने एक युवक को छत से गिरा दिया। अस्पताल के रास्ते में उस..."

सिपाहियों ने युवक को छत से फेंका, मौत

दैनिक जागरण के एक समाचार के अनुसार रायपुरवा क्षेत्र में जुआ पकड़ने गये पुलिसकर्मियों ने एक युवक को छत से गिरा दिया। अस्पताल के रास्ते में उसकी मौत हो गयी। पुलिस कर्मी शव छोड़कर भाग गए। पुलिस कर्मियों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। रायपुरवा रेलवे कालोनी की छत पर कुछ युवक जुआ खेल रहे थे। इनमें तेजाब मिल कालोनी का समीर निगम भी था। रात 12.30 बजे सिपाही बृजेश उर्फ वीरेश त्रिपाठी सफेद कार से पुलिसकर्मियों के साथ छापा मारने पहुंचा। पुलिस देख युवक भागने लगे तो इनकी घेराबंदी की। आरोप है कि पुलिस ने कुछ युवकों को पैसा लेकर भगा दिया जबकि विरोध करने पर बाकियों को पीटा। इस दौरान किसी पुलिसकर्मी ने बचने के लिये धक्का-मुक्की कर रहे रिटायर्ड रेलवे कर्मी जगदीश प्रसाद के 25 वर्षीय बेटे समीर निगम को धक्का दिया जिससे वह छत से गिर पड़ा। यह देख कुछ पुलिसकर्मी मौके पर डंडा, टोपी व डायरी छोड़कर भाग गये। दो सिपाहियों को भीड़ ने घेरा तो वह तुरंत समीर को सेवाधाम अस्पताल ले गये और छोड़कर भाग गये। डाक्टरों ने समीर को हैलट ले जाने को कहा, लेकिन इसी बीच उसने दम तोड़ दिया। सूचना पर समीर के माता-पिता, भाई सुनील, सुशील व सुधीर मौके पर पहुंचे। खबर सुनकर समीर की पत्नी बबिता बेहोश होकर गिर पड़ी। रायपुरवा पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को शांत कराया। परिजनों से मिली तहरीर पर झकरकटी चौकी में तैनात सिपाही बृजेश उर्फ वीरेश त्रिपाठी को नामजद कराते हुए एक दरोगा व दो सिपाहियों पर लूट और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।


अब पुलिस के आतंक को देखते हुए कुछ तो प्रशासन को करना ही चाहिए, वरना एक दिन जनप्रतिनिधियों के साथ- साथ अधिकारीयों के साथ भी पुलिस ऐसा ही करेगी.


हर बार की तरह इस बार भी पुलिस लीपा पोती करके अपराधी पुलिस कर्मियों को बचाएगी और उनके हौसले बढ़ाएगी, कानून के साथ खेलेगी.