tag:blogger.com,1999:blog-77007693912923007612024-03-12T23:05:32.647-07:00POLICE TURNINGYou are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-43182316549551404822010-11-14T02:58:00.000-08:002010-11-14T02:58:55.058-08:00पुलिस ने पत्रकार को पीटा, हवालात में डाला<div class="txtArticle4"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;">अमर उजाला 13 NOV 2010 दस अनुसार देंखे.</span></span></div><div class="txtArticle4" style="font-size: 14px;">अपराध और अपराधियों पर नकेस कस पाने में नाकाम पुलिस आम लोगों पर अपनी ताकत दिखा रही है। मामूली मामलों में वर्दी को दागदार करने वाले पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। दीपावली के दिन जुआ खेल रहे एक युवक को छत से धक्का देने का मामला शांत नहीं हुआ है कि चमनगंज पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक पत्रकार को पहले सड़क और फिर थाने में बेरहमी से पीटा। इसके बाद उसे हवालात में डाल दिया। थोड़ी देर बाद सूचना मिलने पर पहुंचे साथियों ने पत्रकार को हवालात से बाहर निकाला। उल्टियां होने पर उसे उर्सला में भर्ती कराया। डीआईजी अशोक मुथा जैन ने अस्पताल में बयान लेने के बाद मामले की जांच एसपी पूर्वी को सौंप दी है।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: 14px;">पनकी स्वराज नगर निवासी जितेंद्र पांडेय एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र से जुड़े हुए हैं। बकौल जितेंद्र वह शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे अपने आफिस जा रहे थे। रास्ते में चमनगंज थानाध्यक्ष एसके सिंह और दरोगा विनय सिंह वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। पहले हेलमेट न पहनने पर हड़काया। फिर 100 रुपए का चालान कटवाने को कहा। जेब में केवल 50 रुपए होने पर उन्होंने अपना प्रेस कार्ड दिखाया। आरोप है कि दरोगा ने कार्ड फाड़ दिया। इस पर वह अपने साथी अनुराग से इस बात की मोबाइल पर शिकायत करने लगा। वह साथी से रुपए लेकर आने को कह रहा था। इसी बीच दरोगा और बाद में थानाध्यक्ष ने मातहतों के साथ उनकी पिटाई शुरू कर दी। उन्हें बेल्ट से पीटा गया।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: 14px;">थाने में सीओ सुएब इकबाल ने भी पिटाई की। इसके बाद यह कहते हुए हवालात में डाल दिया गया कि जेल भेजकर वाहन सीज करो। बाद में पत्रकार को उनके साथी छुड़ाकर पहले हैलट और फिर उर्सला ले गए। जितेंद्र की ओर से थानाध्यक्ष, दरोगा और अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ मारपीट, मोबाइल छीनने की तहरीर दी गई है।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: 14px;">उधर चमनगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि पत्रकार न चालान का पैसा दे रहा था और न ही रसीद ले रहा था। हुज्जत करने पर उसकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हुई थी। जितेंद्र से उन्होंने या उनके दरोगा ने मारपीट नहीं की है।<div class="imgContainer" style="background-color: #cccccc; color: black; font-family: Verdana, Arial, Helvetica, sans-serif; font-size: 12px; font-weight: bold; padding-bottom: 5px; padding-left: 5px; padding-right: 5px; padding-top: 5px; text-align: left; width: 249.789px;"><img src="http://epaper.amarujala.com/pdf/2010/11/13/20101113a_01315100501.jpg" /></div></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-72545802155355449702010-11-07T23:04:00.000-08:002010-11-07T23:04:19.754-08:00POLICE TURNING: सिपाहियों ने युवक को छत से फेंका, मौत<a href="http://policeturning.blogspot.com/2010/11/blog-post.html?spref=bl">POLICE TURNING: सिपाहियों ने युवक को छत से फेंका, मौत</a>: "दैनिक जागरण के एक समाचार के अनुसार रायपुरवा क्षेत्र में जुआ पकड़ने गये पुलिसकर्मियों ने एक युवक को छत से गिरा दिया। अस्पताल के रास्ते में उस..."You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-43601497782027276822010-11-07T22:58:00.000-08:002010-11-07T23:01:30.836-08:00सिपाहियों ने युवक को छत से फेंका, मौत<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal; font-size: 14px; line-height: 25px;">दैनिक जागरण के एक समाचार के अनुसार रायपुरवा क्षेत्र में जुआ पकड़ने गये पुलिसकर्मियों ने एक युवक को छत से गिरा दिया। अस्पताल के रास्ते में उसकी मौत हो गयी। पुलिस कर्मी शव छोड़कर भाग गए। पुलिस कर्मियों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। रायपुरवा रेलवे कालोनी की छत पर कुछ युवक जुआ खेल रहे थे। इनमें तेजाब मिल कालोनी का समीर निगम भी था। रात 12.30 बजे सिपाही बृजेश उर्फ वीरेश त्रिपाठी सफेद कार से पुलिसकर्मियों के साथ छापा मारने पहुंचा। पुलिस देख युवक भागने लगे तो इनकी घेराबंदी की। आरोप है कि पुलिस ने कुछ युवकों को पैसा लेकर भगा दिया जबकि विरोध करने पर बाकियों को पीटा। इस दौरान किसी पुलिसकर्मी ने बचने के लिये धक्का-मुक्की कर रहे रिटायर्ड रेलवे कर्मी जगदीश प्रसाद के 25 वर्षीय बेटे समीर निगम को धक्का दिया जिससे वह छत से गिर पड़ा। यह देख कुछ पुलिसकर्मी मौके पर डंडा, टोपी व डायरी छोड़कर भाग गये। दो सिपाहियों को भीड़ ने घेरा तो वह तुरंत समीर को सेवाधाम अस्पताल ले गये और छोड़कर भाग गये। डाक्टरों ने समीर को हैलट ले जाने को कहा, लेकिन इसी बीच उसने दम तोड़ दिया। सूचना पर समीर के माता-पिता, भाई सुनील, सुशील व सुधीर मौके पर पहुंचे। खबर सुनकर समीर की पत्नी बबिता बेहोश होकर गिर पड़ी। रायपुरवा पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को शांत कराया। परिजनों से मिली तहरीर पर झकरकटी चौकी में तैनात सिपाही बृजेश उर्फ वीरेश त्रिपाठी को नामजद कराते हुए एक दरोगा व दो सिपाहियों पर लूट और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।</span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal; font-size: 14px; line-height: 25px;"><br />
</span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal; font-size: 14px; line-height: 25px;">अब पुलिस के आतंक को देखते हुए कुछ तो प्रशासन को करना ही चाहिए, वरना एक दिन जनप्रतिनिधियों के साथ- साथ अधिकारीयों के साथ भी पुलिस ऐसा ही करेगी.</span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal; font-size: 14px; line-height: 25px;"><br />
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<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal; line-height: 25px;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">हर बार की तरह इस बार भी पुलिस लीपा पोती करके अपराधी पुलिस कर्मियों को बचाएगी और उनके हौसले बढ़ाएगी, कानून के साथ खेलेगी.</span></span></span>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-77565523469350582112010-10-29T05:30:00.000-07:002010-10-29T05:39:03.186-07:00पुलिस कि लूट कोतवाली में<div class="art_headline" style="font-family: Mangal, Arial; line-height: 34px; margin-left: 10px; margin-right: 5px; margin-top: 5px; text-align: justify; text-decoration: none; width: 390px;"><span class="Apple-style-span" style="color: blue;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">देखिये किस प्रकार इस देश और प्रदेश में लूट मची हुई है. सरकारी नुमैन्दे भी लूटने के नए से नए हथकंडे अपनाते रहते है. अब चुनाव में ही चाहिए था कि एक हलफनामा दो मतलब स्टंप 10 वाला 50 का बिका उअर फिर पुलिस से करेक्टर लो उसमे तो आप सभी जानते ही है कि पुलिस का व्यवहार कैसा है? देखिये दैनिक जागरण में छपी एक बानगी --</span></span></div><div class="art_headline" style="font-family: Mangal, Arial; line-height: 34px; margin-left: 10px; margin-right: 5px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 390px;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;">कोतवाली में बिका कैरेक्टर</span></span></div><div class="art_content" style="color: black; font-family: Mangal, Arial; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px; margin-left: 10px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 395px;"><div style="font-family: Mangal;">महेश शर्मा, घाटमपुर मतदान में हिंसा से परेशान जिला प्रशासन की शांतिपूर्ण मतगणना के लिए लागू की गयी एजेंटों के चरित्र सत्यापन की व्यवस्था का पुलिस ने ही मखौल बना डाला। मतगणना से 24 घंटे पहले जारी हुए इस फरमान का फायदा उठाकर खाकी की शह पर दलालों ने कोतवाली में चरित्र सत्यापन की रिपोर्ट और मुहर के नाम पर परेशान प्रत्याशियों व उनके समर्थकों से खुलेआम 20-20 रुपये वसूले। मतगणना में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को एजेंट न बनाने के चुनाव आयोग के निर्देश का पालन कराने के लिए विकास खंड दफ्तर पहुंचे प्रत्याशियों व उनके समर्थकों से मंगलवार को कहा गया था कि या तो अपने अभिकर्ताओं के चरित्र का सत्यापन पुलिस से करायें या अपराधी न होने का शपथपत्र दें। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट डा. मुत्तू कुमार स्वामी के मुताबिक यह व्यवस्था जिलाधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम की बैठक में दिए गए निर्देश पर लागू की गई। इस नियम के चलते बुधवार सुबह से ही प्रत्याशियों व एजेंटों की भीड़ कोतवाली के चक्कर काटने लगी। कोतवाली में भीड़ बढ़ी तो एक दलाल को व्यवस्था का जिम्मा सौंपकर उसकी टीम के लोगों को ही मुहर व दस्तखत का जिम्मा दे दिया गया। फिर क्या था 20-20 रुपये में चरित्र प्रमाणपत्र खुलेआम बिकने लगे। लोगों से फार्म जमा कराये गये और बिना कोतवाली के अभिलेखों से सत्यापन कराये दस्तखत व मुहर लगाकर बांटे जाने लगे। कोतवाली के भीतर खड़े जब्त वाहनों के ऊपर चढ़कर दलालों की टीम फार्म में लिखे आवेदकों के नाम पुकार-पुकार कर 20-20 रुपये वसूलने लगी। पुलिस की नाक के नीचे दिन भर चले इस तमाशे को देखकर लोग व्यवस्था को कोसते रहे। अगर थाने में बिना सत्यापन खुलेआम 20-20 रुपये वसूल कर रिपोर्ट व मुहर लगाकर चरित्र सत्यापन हुआ है तो आपत्तिजनक है। इस मामले में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा उच्चाधिकारियों से करेंगे। -डा. मुत्तू कुमार स्वामी बी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट। थाने से प्रत्याशियों व अभिकर्ताओं का न तो कोई चरित्र सत्यापन हुआ है, और न ही सत्यापन के नाम पर कोई धन वसूली की गयी है। -लाल बहादुर, एसपी (ग्रामीण)</div><div style="font-family: Mangal;">पुलिस कि लूट कोतवाली में</div></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-74352805607279972832010-10-27T05:57:00.000-07:002010-10-27T05:57:30.501-07:00POLICE TURNING: पुलिस ने खुले आम कई दिनों तक की गुंडागर्दी<a href="http://policeturning.blogspot.com/2010/10/blog-post_27.html?spref=bl">POLICE TURNING: पुलिस ने खुले आम कई दिनों तक की गुंडागर्दी</a>: "कानपुर का घाटमपुर तेहसील में चुनाव में समाचार पत्रों के अनुसार किसी हिअत्रिसीतर के पक्ष में कार्यवाही या समर्थन करने में लोगो में विरोध किया..."You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-87569924004257903342010-10-27T05:52:00.000-07:002010-10-27T05:53:45.545-07:00पुलिस ने खुले आम कई दिनों तक की गुंडागर्दी<div style="font-size: 14px;"><b><span class="Apple-style-span" style="color: blue;">कानपुर का घाटमपुर तेहसील में चुनाव में समाचार पत्रों के अनुसार किसी हिअत्रिसीतर के पक्ष में कार्यवाही या समर्थन करने में लोगो में विरोध किया तो लाठी चार्ज किया तो जनता ने भी गुस्सा जाहिर कर पथराव किया. इसके बाद जारी हुआ पुलिस के खाकी वर्दी की गुंडागर्दी, देखिये कुछ अख़बारों की प्रकाशित सूचनाएँ--</span></b></div><div style="font-size: 14px;"><b><br />
</b></div><b><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;">अमरउजाला 26 oct 2010 </span></span></b><br />
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<div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">आखिरी वक्त पर घाटमपुर के चिरली गांव में उपद्रव कानपुर। चौथे चरण के मतदान का अंतिम एक घंटा पुलिस-प्रशासन पर भारी पड़ा। गुस्साई भीड़ ने घाटमपुर के चिरली मतदान केंद्र पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाकर हंगामा किया तो पुलिसकर्मियों ने कई प्रत्याशियों के बस्ते तोड़फोड़ दिए और जमकर लाठियां बरसाईं। जवाब में गुस्साए लोगों ने पथराव करते हुए बूथ लूटने की कोशिश की तो पुलिस ने लोगों को मकानों से खींचकर पीटा। डीएम और डीआईजी सहित भारी फोर्स मौके पर पहुंची तब हालात काबू हुए। करीब 17 लोगों को पकड़ा गया है।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">घाटमपुर की चिरली ग्राम पंचायत से एक हिस्ट्रीशीटर की पत्नी प्रधानी का चुनाव लड़ रही है। बताते हैं दोपहर से ही हिस्ट्रीशीटर मतदान केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों को चाय-नाश्ता करा रहा था। मतदान का वक्त खत्म होने से पूर्व उसने पुलिस की शह पर फर्जी वोटिंग करानी शुरू कर दी। जब अन्य प्रत्याशियों ने विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करते हुए उनके ही बस्तों पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पत्थर चलाए तो अफरा-तफरी मच गई। बौखलाई पुलिस ने गांव में तांडव मचाया। अशोक के 15 वर्षीय पुत्र संजय सविता को बुरी तरह पीटा। बाद में पुलिस ने लोगों को मकानों से घसीटकर पीटा। करीब दो घंटे तक मतदान केंद्र पर हंगामा चला। डीएम ने बताया 12 पोलिंग एजेंट सहित 17 लोगों को शांतिभंग के आरोप में पकड़ा गया है।</div><div><b><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">२७ oct 2010 </span></b></div><div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">डर के मारे कई लोग घरों से भागे</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">घाटमपुर। पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के दौरान भीतरगांव विकास खंड के चिरली गांव में हुए बवाल की आग में पुलिस ने आज फिर घी डाल दिया। आरोप है कि पुलिस ने गांव में प्रधानी का चुनाव लड़े लोगों के घरों में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस के डर से तमाम लोग पलायन कर गए हैं। इससे गांव में दहशत है।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">आरोप है बीते सोमवार को पंचायत चुनाव का मतदान खत्म होने से करीब एक घंटे पहले चिरली गांव निवासी एक ग्रामीण ने फर्जी मतदान करवाना शुरू कर दिया। उसकी पत्नी प्रधानी का चुनाव लड़ी है। जबकि, उसके मुकाबले में चिरली के विमल किशोर, भूरा, जीतेंद्र मिश्रा, पूत शुक्ला तथा मुन्ना मिश्रा सहित कुल 10 उम्मीदवार हैं। फर्जी मतदान को लेकर पुलिस व ग्रामीणों के बीच बवाल हो गया। पुलिस इस मामले में 16 लोगों को उठाकर ले आई थी। इनके परिवारवाले पुलिस के भय से गांव से पलायन कर गए हैं। वहीं, प्रधान पद की प्रत्याशी सुशीला देवी का आरोप है कि पुलिस उनके घर से नकदी और जेवर भी उठा ले गई।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">इधर, मंगलवार की दोपहर बाद सीओ (घाटमपुर) पीपी सिंह की अगुवाई में पुलिस की कई जीपें चिरली गांव पहुंचीं। आरोप है कि पुलिस ने प्रत्याशियों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">इस बारे में घाटमपुर सीओ पीपी सिंह ने बताया कि वह चिरली गांव गए ही नहीं हैं। बताया कि हो सकता है कि साढ़ पुलिस गई हो। दूसरी ओर, पुलिस के तांडव का शिकार हुए लोग घरों से पलायन कर गए हैं। अधिकांश घरों में ताले बंद हैं।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">पकड़े गए लोगों में विमल किशोर उसका भाई कमल किशोर, पिता श्याम किशोर तिवारी, सुरेंद्र कुमार, सत्यप्रकाश शुक्ला (पूत), अशोक कुमार कुरील, विजय कुशवाहा, श्यामू सिंह, धीरेंद्र सिंह, राजबहादुर सिंह, राघवेंद्र सिंह, लालसिंह, सोनू सिंह, संतोष सविता तथा चंद्रहास सिंह समेत कुल 16 लोग शामिल हैं। इनको दफा 151 के तहत मंगलवार को ज्वाइंट मजिस्टे्रट के सामने पेश किया गया। इनमें 12 को जमानत दे गई जबकि चार को जेल भेजने के निर्देश दिए।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">चिरली में पुलिस ने फिर लोगों को दौड़ाया</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">‘पुलिस ने तो हद ही पार कर दी’</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">घाटमपुर। चिरली गांव में लगातार दूसरे दिन पुलिस तांडव की खबर पाकर फतेहपुर के सपा सांसद एवं घाटमपुर के पूर्व विधायक राकेश सचान मंगलवार शाम वहां पहुंच गए। सपाइयों ने पुलिसिया कार्रवाई पर विरोध जताया है। इधर, पुलिस ने आज भी कुछ लोगों को पकड़ा है। उधर, राकेश सचान ने बताया कि पुलिस ने अपनी हद पारकर काम किया है जिसकी शिकायत केंद्र सरकार तक की जाएगी। मालूम हो कि बीते सोमवार को हुई घटना के बाद अधिकारियों से सपा सांसद राकेश सचान ने वार्ता की थी। इस पर उन्होंने आश्वासन दिया था कि पकड़े घए लोगों के खिलाफ कोई गंभीर मुकदमा नहीं लिखा जाएगा। उनको एसडीएम की अदालत से कार्रवाई के बाद जमानत दिलवा दी जाएगी। इसके बाद लोग शांत हो गए थे।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">लेकिन, मंगलवार को सीओ के नेतृत्व में फिर पहुंची पुलिस ने फिर गांव में तांडव मचाया तथा दर्जन भर से अधिक लोगों को उठाकर थाने ले आई। इसकी खबर मिलते ही जहानाबाद (फतेहपुर) के पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा, सपा के ग्रामीण जिलाध्यक्ष मुनींद्र शुक्ला तथा पूर्व एमएलसी लालसिंह तोमर के अलावा चंद्रपाल दिवाकर समेत बड़ी संख्या में सपाई चिरली गांव पहुंच गए।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">पुलिस के तांडव के बाद चिरली गांव में पसरा सन्नाटा</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;"><br />
</div><div class="txtArticle4" style="line-height: normal;"><b><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">दैनिक जागरण 26 oct 2010 </span></span></b></div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;"><br />
</div></div><div><div class="art_headline" style="font-family: Mangal, Arial; font-weight: bold; line-height: 34px; margin-left: 10px; margin-right: 5px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 390px;"><span class="Apple-style-span" style="color: blue;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">चिरली में पथराव व लाठीचार्ज</span></span></div><div class="art_content" style="font-family: Mangal, Arial; line-height: 25px; margin-left: 10px; margin-top: 5px; text-align: left; width: 395px;"><div class="separator" style="clear: both; color: black; font-size: 14px; font-weight: normal; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXqrb4OLFFlicpcZ0y_X-CA4CRmuZYWfR3TLvWQADBLAJCdQ8yBaFSk2qojDeOyWXmGva_i1Z6RfHjZaLxo7FgYXZ5wf1SHqqR72XdYPCYTcSbZDgdhyXmKDH5gc1ZLhMluW_8CcR08ibW/s1600/20101027a_01510e00301.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="315" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXqrb4OLFFlicpcZ0y_X-CA4CRmuZYWfR3TLvWQADBLAJCdQ8yBaFSk2qojDeOyWXmGva_i1Z6RfHjZaLxo7FgYXZ5wf1SHqqR72XdYPCYTcSbZDgdhyXmKDH5gc1ZLhMluW_8CcR08ibW/s320/20101027a_01510e00301.jpg" width="320" /></a></div><div style="color: black; font-size: 14px; font-weight: normal;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; color: black; font-size: 14px; font-weight: normal; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg6r-vZg56KP8mBqGxDiVPP-IsUXUy41oksZNG19G_Ln9QaeTnrDkbnH-2skABzaa_lSKozfc4dxS3hhwfUz22BzPM78Kd6sUZQc_2KJLUI8GNDlqhckGmnlezEy9Ir5Jj8wINU2sey1PhZ/s1600/20101026a_01610e00201.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="315" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg6r-vZg56KP8mBqGxDiVPP-IsUXUy41oksZNG19G_Ln9QaeTnrDkbnH-2skABzaa_lSKozfc4dxS3hhwfUz22BzPM78Kd6sUZQc_2KJLUI8GNDlqhckGmnlezEy9Ir5Jj8wINU2sey1PhZ/s320/20101026a_01610e00201.jpg" width="320" /></a></div><div style="color: black; font-size: 14px; font-weight: normal;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; color: black; font-size: 14px; font-weight: normal; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiDAhoEHwTB-9LfPn4ruf2tjqSfY2FLtiVNuvSVM9LljHoV-oI0QTCc_FZaSKhVgPutAJ0wKSVn3fXS7QqJdCfv-FoRwqW9lAXumkc9xLWl8X7poqYSUGcJWuB8eUuHIFyljo2YA0q4l5c-/s1600/20101026a_01610e00202.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="292" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiDAhoEHwTB-9LfPn4ruf2tjqSfY2FLtiVNuvSVM9LljHoV-oI0QTCc_FZaSKhVgPutAJ0wKSVn3fXS7QqJdCfv-FoRwqW9lAXumkc9xLWl8X7poqYSUGcJWuB8eUuHIFyljo2YA0q4l5c-/s320/20101026a_01610e00202.jpg" width="320" /></a></div><div style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal;">घाटमपुर, प्रतिनिधि: घड़ी की सुई ने सोमवार को साढ़ क्षेत्र के चिरली व में पुलिस व ग्रामीणों में संघर्ष करा दिया। समय से पहले पुलिस द्वारा बूथ हटवाने से नाराज ग्रामीणों के पथराव के जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। संघर्ष में दरोगा सहित तीन सिपाही व आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गये। भीतरगांव विकास खंड की ग्राम सभा चिरली में प्रधान का पद अनारक्षित है, यहां 10 प्रत्याशी मैदान में थे। चिरली ग्राम सभा में तिलियावर व घारमपुर गांव भी आते हैं। शाम साढ़े चार बजे एक प्रत्याशी द्वारा 500-500 रुपये देकर महिलाओं से फर्जी वोटिंग कराने की शिकायत पर एसीएम मदन सिंह गर्बयाल व सीओ शोएब इकबाल इस पोलिंग सेंटर पर पहुंचे। इस दौरान पांच बजने की गलतफहमी में सिपाहियों ने प्रत्याशियों के खदेड़ने के साथ मतदाता सूची तथा बैनर पलट दिये। इससे नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया। पथराव में दरोगा संगम लाल शुक्ला के जख्मी होने के बाद पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। पास के केंद्रों से अतिरिक्त पुलिस व पीएसी मंगाकर गांव की घेराबंदी कर ली। इसके बाद जो जहां मिला पीटा। प्रधान प्रत्याशी गप्पू तिवारी, पवन तिवारी समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एडीएम सर्वज्ञ राम मिश्रा व एसपी यातायात राम पाल गौतम ने लोगों को शांत कराया। देर रात पुलिस गांव में पथराव करने वालों की धरपकड़ में जुटी थी। सीओ प्रेम प्रकाश ने बताया भीड़ पर काबू पाने में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।</div><div style="font-family: Mangal;"><div class="art_headline" style="font-family: Mangal, Arial; line-height: 34px; margin-left: 10px; margin-right: 5px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 390px;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><b><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">दरवाजे उखाड़े, चूल्हे तक तोड़े</span></b></span></div><div class="art_content" style="font-family: Mangal, Arial; line-height: 25px; margin-left: 10px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 395px;"><div style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal;">घाटमपुर, प्रतिनिधि : चिरली गांव में सोमवार को पंचायत चुनाव के दौरान ग्रामीणों से संघर्ष में दरोगा व सिपाहियों के घायल होने से गुस्सायी पुलिस ने मंगलवार को दोबारा छापा मारा। पुलिस बल ने कई घरों में चूल्हे, पलंग व गृहस्थी का सामान तोड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि महिलाओं से अभद्रता करने के साथ सिपाही नकदी व जेवर भी लूट ले गये। पंचायत चुनाव में सोमवार सायं साढ़े चार बजे पुलिस द्वारा चिरली में मतदान केंद्र के बाहर लगे प्रत्याशियों के बस्ते हटवाने से उत्तेजित ग्रामीणों ने पथराव किया था। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर 16 लोगों को शांति भंग में गिरफ्तार किया था। बाद में गांव की घेराबंदी कर पुलिस ने कई लोगों की पिटाई की थी। मंगलवार सायं चार बजे पुलिस ने गांव में दोबारा छापा मारा। कोतवाली, सजेती, बिधनू, महराजपुर व नर्वल थाने की फोर्स के साथ पीएसी भी गांव पहुंची। आरोप है कि ग्राम प्रधान प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ भूरा सिंह व संध्या शुक्ला के अलावा जगदेव सिंह, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवबरन सिंह उर्फ मोना, रहमुद्दीन, रशीद, विनोद शुक्ला, बउवन व रामजी शुक्ला के घरों में फोर्स ने जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने टीवी, पलंग, ड्रेसिंग टेबल व गृहस्थी का सामान तोड़ दिया। रसोई में तैयार भोजन सड़क पर फेंक दिया। शिवबरन सिंह की मां गुलगुले पका रही थीं। सिपाहियों ने उनकी कढ़ाई में लात मार दी। गरम तेल पैर में गिरने से वह झुलस गयीं। महिलाओं का आरोप है कि तोड़फोड़ का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने गालियां दीं और अभद्रता की। इस सबंध में प्रभारी निरीक्षक एएन राय का कहना है कि उपद्रवी तत्वों की तलाश में छापा मारा गया था, जो नहीं मिले। ग्रामीण पेशबंदी में आरोप लगा रहे हैं। फौजी को भी बेरहमी से पीटा सोमवार रात घेराबंदी के दौरान गांव पहुंचे एक फौजी योगेंद्र द्विवेदी को पुलिस ने लाठियों से बेरहमी से पीटा। योगेंद्र छुट्टी में मिजोरम से आये थे, चोट दिखाते हुए वह बोले खाकी का ऐसा रूप नहीं देखा था। पुलिस गांव से रिटायर सिपाही कुशलपाल सिंह व प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ भूरा सिंह के भांजे शानू, विनय व विक्की को भी पकड़ ले गयी पर बाद में छोड़ दिया।</div><div style="font-family: Mangal;"><div class="art_headline" style="font-family: Mangal, Arial; font-weight: bold; line-height: 34px; margin-left: 10px; margin-right: 5px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 390px;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;">बंद कुंडियों के पीछे सुबकते बच्चे</span></span></div><div class="art_content" style="font-family: Mangal, Arial; line-height: 25px; margin-left: 10px; margin-top: 5px; text-align: left; text-decoration: none; width: 395px;"><div style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal;">घाटमपुर, प्रतिनिधि : सोमवार देर रात फिर मंगलवार शाम हुई पुलिस की बर्बरता से चिरली गांव में ऐसी दहशत छायी है कि गाडि़यों की आवाज आते ही महिलाएं दुबक जाती हैं तो बच्चे सुबकने लगते हैं। घरों से पुरुष सदस्य भागे हुए हैं। सोमवार सायं पथराव की घटना के बाद जुटे भारी पुलिस बल ने देर रात गांव में तमाम लोगों को घेरकर पीटा था। अभी इसकी दहशत खत्म भी नहीं हो पायी थी कि मंगलवार सायं 4 बजे जब दोबारा भारी पुलिस बल गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। पुलिस के दोबारा तांडव के बाद गांव की गलियों में सन्नाटा छाया है। जागरण टीम जब गांव पहुंची, तो गाड़ी की आवाज सुनकर देहरी पर खड़ी महिलाएं व बच्चे धड़ाधड़ दरवाजे बंद कर अंदर दुबक गये। बाद में पुलिस न होने की जानकारी के दरवाजे खुले तो महिलाएं घरों के हालात दिखाते हुए रो पड़ीं। ग्राम प्रधान प्रत्याशी संध्या शुक्ला ने कहा, पुलिस ने घरों में लूटपाट के साथ महिलाओं से अभद्रता की। तोड़फोड़ का आरोप पेशबंदी के लिए लगाया जा रहा है। पुलिस को साफ निर्देश दिये गये हैं कि पूरी पहचान के बाद उन लोगों को गिरफ्तार किया जाये जो पुलिस पर हमला करने में शामिल थे। पुलिस गांव में आरोपियों की तलाश करने गयी थी। किसी भी घर में तोड़फोड़ या किसी से अभद्रता नहीं की गयी। -प्रेम प्रकाश, डीआईजी।</div><div style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">सोचिये और उपाय कीजिये कैसे रुकेगी पुलिस की गुंडागर्दी.</span></span></div></div></div></div></div></div></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-60774854021769160152010-10-12T04:59:00.000-07:002010-10-12T04:59:43.366-07:00पुलिस रुपये लेकर बेच रही ब्लू लेन का पास<b><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;">दैनिक जागरण 12 oct 2010 </span></span></b><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="color: blue;">नई दिल्ली यहां भी कमाई। पैसे हो तो रिजर्व लेन में सैर करो। कोई रोकने वाला नहीं होगा। लेकिन, यह सुविधा भी विदेशियों को ही मिलेगी। आयोजन समिति मोटी रकम लेकर रिजर्व लेन (ब्लू लेन) में चलने का अधिकार पत्र (पास) दिल्ली में स्थित उच्चायोगों व कुछ अन्य दे रही है। आयोजन समिति के इस तरीके को गलत बताया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रिजर्व लेन को बहुत ही सोच समझ कर सुरक्षा आदि कारणों को देखते हुए बनाया गया था। किंतु धड़ल्ले से पास बेचकर इस लेन को भी कॉमन कर दिया जाना गलत है। इससे रिजर्व लेन पर गाडि़यों का दबाव बढ़ेगा। खेल शुरू होने से पूर्व निर्णय लिया गया था कि रिजर्व लेन पर उच्चायोगों के जो डेलीगेट्स आएंगे वे भी सुरक्षा कारणों से उस लेन का उपयोग करेंगे। इसके लिए दिल्ली में स्थित सभी 54 उच्चायोगों को आयोजन समिति द्वारा एक-एक पास जारी किया था। एक पास से काम नहीं चलने पर उच्चायोगों ने आयोजन समिति से अतिरिक्त पासों की मांगने शुरू कर दिए। पहले तो ओसी ने पास देने से मना कर दिया। किंतु उच्चायोग ने जब यह तर्क दिल्ली कि एस पास से उनका काम नहीं चल सकता है तब आयोजन समिति ने अतिरिक्त पास खरीदने की बात कही। इसपर उच्चायोग पास खरीदने के लिए तैयार हो गए। एक पास के 280 डॉलर यानी 12440 रुपए कीमती रखी गई। आयोजन समिति ने तब यह तय दिया कि एक उच्चायोग को तीन से अधिक पास नहीं बेचे जाएंगे। अधिकतर उच्चायोग ने तीन-तीन पास खरीद लिए और इसके अलावे भी पास देने की मांग कर रह हैं। उच्चायोगों का कहना है कि उनके देश से कई डेलीगेट्स दिल्ली खेल देखने आए हैं। जिससे आयोजन समिति अब संकट में पड़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि आयोजन समिति के इस तरह के रवैये से रिजर्व लेन का दुरुपयोग होगा साथ ही समिति के धन कमाने का यह तरीका भी बिल्कुल गलत है। गृहमंत्री पी चिदंबरम की सख्ती के कारण जहां सुरक्षा कर्मी कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाह रहे हैं वहीं आयोजन समिति की कार्यप्रणाली को लेकर पुलिस कर्मियों व सुरक्षा एजेंसियों को खारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।</span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="color: blue;"><br />
</span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;"><b>क्या होगा देश का ?</b></span></span></span>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-66492361027701755262010-10-07T06:06:00.000-07:002010-10-07T06:28:56.331-07:00दिव्या की मौत में पुलिस ने बहुत बड़ा खेल कियाआज की पुलिस वह भी उत्तर प्रदेश के कानपुर की पुलिस ने दिव्या की मौत में खेल कर ही दिया. सरकार के कानून भी ऐसे ही है यदि कोई गलत कर रहा है तो नौकरी से भी नहीं हटा सकते और कोर्ट में ही मुकदमा चलते-चलते वह रिटायर हो जाता है. अब तो कुछ कानून में बदलाव की आवश्यकता तो है ही. दिव्या की मौत में पुलिस ने बहुत बड़ा खेल किया है. आज के सभी समाचार पत्रों ने बिलकुल साफ-साफ कहा है और पोस्ट मार्टम रिपोर्ट भी यही कह रही है. पुलिस की कहानी और किसी को बचने या किसी को फ़साने जैसा बड़ा अपराध की भी सजा तो होनी ही चाहिए.<br />
<span class="Apple-style-span"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">अब आवश्यकता है किसी बड़ी एजेंसी से जांच करा कर दोसी पुलिसजनों को बर्खास्त करने की</span></span><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">.</span><br />
जरा कानपुर के आज के समाचार पत्रों को देखें.<br />
<span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">दैनिक जागरण </span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal, Arial; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">दिव्या का दुष्कर्मी पकड़ा गया</span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;">कानपुर, रिपोर्टर: गणेश नगर स्थित भारती ज्ञान स्थली स्कूल में कक्षा 6 की छात्रा अनुष्का उर्फ दिव्या के साथ दुष्कर्म के आरोपी मुन्ना लाल को पुलिस ने पकड़ लिया। मुन्ना उसी मकान में रहता था। उसने छात्रा से पिछले तीन माह में कई बार दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की। पुलिस ने आरोपी को पनकी नहर के पास से गिरफ्तार कर लिया। रावतपुर गांव के रोशन नगर स्थित राजन शुक्ला के मकान में रहने वाली और भारती ज्ञान स्थली स्कूल की छात्रा अनुष्का उर्फ दिव्या की 27 सितंबर को स्कूल में हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी। छात्रा का दुष्कर्मी उसी मकान में रहने वाला मुन्ना लाल निकला। मूल रूप से उन्नाव के चौरासी निवासी मुन्ना के मुताबिक वह यहां अकेला ही रहता था। वह दादानगर बिस्कुट फैक्ट्री में ड्यूटी करता था। दोपहर में छात्रा कमरे में आ जाती थी। उसकी मानें तो वह तीन माह से छात्रा को टॉफी के बहाने बुलाता था और कई बार उसे हवस का शिकार बना चुका है। बाढ़ आने से वह 26 सितंबर को गांव चला गया। स्कूल में दिव्या की हालत बिगड़ने और फिर मौत की जानकारी के बाद वह गांव से नहीं लौटा। सीओ कल्याणपुर लक्ष्मी निवास मिश्रा के मुताबिक छात्रा की मौत के बाद उस मकान में रहने वाले सभी किरायेदारों के नाम पते लिए गए तो मुन्नालाल गायब था। कई दिन इंतजार के बाद भी वह नहीं लौटा तो उसकी तलाश में टीमों को रवाना किया गया था। पुलिस टीम उसकी तलाश कर रही थी। मंगलवार रात मुन्नालाल को पकड़ लिया गया। उसने पूछताछ में दुष्कर्म की बात स्वीकार की। उसे छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।</span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;"><br />
</span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal, Arial; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal; font-weight: normal; line-height: 25px;"><span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal, Arial; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">छेद ही छेद हैं पुलिस की कहानी में</span></span></span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;"><span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;">कानपुर कार्यालय प्रतिनिधि: मुन्ना को गिरफ्तार कर पुलिस ने दिव्या कांड को कागजों में खोलकर अपने कर्तव्य की इतिश्री तो कर ली लेकिन पुलिस की इस कहानी में इतने छेद हैं कि उस पर विश्वास करना कठिन है। दिव्या के मामले में घटना की शुरूआत 27 सितंबर को स्कूल के अंदर इंटरवल के बाद हुई। इंटरवल तक ठीकठाक दिव्या की तबियत अचानक खराब हुई और उसे भीषण रक्तस्त्राव हो रहा था। बेंच, बाथरूम में रक्त पड़ा था और उसके कपड़े खून से सने थे। इंटरवल से पहले न तो दिव्या की तबियत खराब थी न उसके कपड़ों में किसी तरह का खून लगा था। दिव्या की हालत कुछ ही देर में इतनी खराब हो गयी कि उसने दम तोड़ दिया। भारतीय ज्ञान स्थली स्कूल में अधिक रक्तस्त्राव से कक्षा छह की छात्रा दिव्या के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह बात साफ हो गयी कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ बल्कि कुकर्म हुआ था। यह भी साफ हो गया कि दिव्या के साथ कभी दुष्कर्म नहीं हुआ था। डॉक्टर इस निष्कर्ष पर भी पहुंचे कि कुकर्म के अलावा किसी औजार से उसे इतनी गंभीर चोट पहुंचायी गयी कि उसकी आंतें तक घायल हो गयीं। दूसरी ओर स्कूल प्रबंधक का दूसरा बेटा लगातार गायब रहा और पुलिस उसे अपनी पकड़ से बाहर बताती रही। पिछले कई दिनों से पुलिस मुन्ना को पकड़ने की फिराक में थी और उसे पकड़ कर पुलिस ने अपनी कहानी खोल भी दी कि उसने तीन बार दिव्या के साथ दुष्कर्म किया। गर्भ न ठहरे इसलिए टॉफी में गोलियां भी खिलायीं। पुलिस की कहानी में इतने छेद हैं कि साफ दिख रहा है कि पुलिस ने किसी तरह मामले को यहीं खत्म करने का प्रयास किया।</span></span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;"><span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;"><br />
</span></span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;"><span class="Apple-style-span" style="color: #666666; font-family: Mangal, Arial; font-size: 17px; font-weight: bold; line-height: 34px;"><span class="Apple-style-span" style="color: black; font-family: Mangal; font-size: 14px; font-weight: normal; line-height: 25px;">अब तक सामने नहीं आया प्रबंधक का बेटा कानपुर, रिपोर्टर : पुलिस ने दिव्या की मौत के बाद प्रबंधक चंद्रपाल वर्मा और बेटे मुकेश को जेल भेज दिया। इस पूरे मामले में मीडिया के कई बार उसके छोटे बेटे पियूष को सामने लाने और पूछताछ करने की बात कहने के बाद भी पुलिस ने उससे पूछताछ नहीं की। पुलिस उसे मानसिक विक्षिप्त बताती रही जबकि स्कूल कर्मचारियों के मुताबिक वह आवास विकास में बना स्कूल चलाता है। और वह कंप्यूटर भी सिखाता है। पुलिस इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है।</span></span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">अमर उजाला कानपुर</span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="font-family: 'Times New Roman'; line-height: normal;"><span class="Apple-style-span" style="color: red;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: x-large;">अनुष्का कांड में पड़ोसी गिरफ्तार</span></span></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="font-family: 'Times New Roman'; font-size: medium; line-height: normal;"><br />
</span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><span class="Apple-style-span" style="font-family: 'Times New Roman'; font-size: medium; line-height: normal;"></span></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Mangal;"><div class="txtArticle4">कानपुर। अनुष्का उर्फ दिव्या से दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने उसके पड़ोसी मुन्ना लोधी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। मुन्ना ने बताया कि उसने 20 सितंबर को नशे में एक दवाई खाकर दिव्या से रेप किया था। रक्तस्राव होने पर उसने मेडिकल स्टोर से लाकर दिव्या को दवा दी थी। इससे पहले 12 और 15 सितंबर को भी दुष्कर्म की कोशिश की थी। 26 सितंबर को वह गांव चला गया था। 28 को अनुष्का की मां ने ही उसे फोन पर बताया कि दिव्या मर गई है। सीओ के टोकने पर भी मुन्ना ने रेप की बात कही अप्राकृतिक दुष्कर्म की नहीं।</div><div class="txtArticle4">सीओ लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि उन्नाव केसराहा साकेतपुर निवासी मुन्ना को पनकी नहर पुल के पास पकड़ा गया। वह दादा नगर की एक बिस्कुट फैक्ट्री में काम करता है। बकौल मुन्ना मात्र तीन हजार रुपए पगार मिलने की वजह से यहां अकेले रहता था। पत्नी और बच्चे गांव में रहते हैं। मुन्ना ने बताया कि दिव्या की मां से उसके देवर-भाभी जैसे रिश्ते हैं।</div><div class="txtArticle4">कहानी अभी खत्म नहीं हुई . <span class="Apple-style-span" style="font-size: 14px; line-height: 25px;">बकौल सीओ पोस्टमार्टम अभी तफ्तीश पूरी नहीं हुई है। स्कूल को पूरी तरह क्लीन चिट भी नहीं दी है। अभी विवेचना चल रही है। जो भी तथ्य अथवा व्यक्ति आएंगे उसे विवेचना में शामिल किया जाएगा। दुष्कर्म कबूल करने पर मुन्ना को जेल भेजा जा रहा है। अभी देखा जा रहा है कि 20 से 27 तारीख के बीच और किसी ने तो बच्ची से गलत काम नहीं किया। दिव्या के कपड़ों और खून के थक्कों एवं अन्य सामान को फारेसिंक जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। शक के दायरे में आए अन्य लोगों के डीएनए टेस्ट भी कराए जाएंगे।</span></div><div class="txtArticle4"><span class="Apple-style-span" style="font-size: 14px; line-height: 25px;"><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">दिव्या की मां सोनू सिंह भदौरिया को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं है। उसका आरोप है कि पुलिस असली दोषी को छोड़ रही है। मकान मालकिन विमला शुक्ला को भी पुलिस की बातों पर यकीन नहीं है। उसका कहना है कि लंबे अर्से से मुन्ना यहां रह रहा है, कभी उसने ऐसी हरकत नहीं की।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">जांच निष्पक्ष होनी चाहिए: इंद्रजीत</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">भारती ज्ञान स्थली के प्रबंधक चंद्रपाल वर्मा के छोटे भाई इंद्रजीत वर्मा का कहना है कि मुन्ना लोधी ने दिव्या के संग रेप किया अथवा दुष्कर्म नहीं पता। पर, असली मुल्जिम जनता के सामने आना चाहिए।</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">क्लीन चिट मिल गई कुछ दो</div><div class="txtArticle4" style="font-size: medium; line-height: normal;">खुद को एक पुलिस अफसर का खास बताने वाला एक शख्स प्रबंधक के भाई इंद्रजीत से वसूली करने जा पहुंचा। बकौल इंद्रजीत उसने कहा कि आपके स्कूल को क्लीन चिट मिल गई है अब कुछ दो। इनकार करने पर दोनों में तीखी नोकझोंक भी हुई। बताते हैं कि यह व्यक्ति खुद को खुफिया विभाग से जुड़ा बताकर इलाकाई लोगों पर रौब भी गांठता है।</div><div><br />
</div></span></div></span>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-19633042916408772642010-08-11T01:21:00.000-07:002010-08-11T01:21:25.878-07:00पुलिस ने धर्म ही बदल दियाअमर उजाला 11 .08 .2010 <br />
<div class="txtArticle4" style="color: red; text-align: justify;"><span style="font-size: large;">कानपुर। पुलिस की लापरवाही से एक मुस्लिम युवक का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से कर दिया गया। अब इसे लेकर हंगामा हो रहा है। </span></div><div class="txtArticle4" style="color: red; text-align: justify;"><span style="font-size: large;">बाबूपुरवा निवासी जुबैदा बेगम ने बताया कि उनके पति वकील अहमद (40) बीती 30 जुलाई को इफ्तिखाराबाद निवासी अपने एक रिश्तेदार के यहां गए थे। वकील बीमार रहते थे और इस कारण उन्हें हार्ट अटैक पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर अनवरगंज थाने के एक दरोगा ने उनके शव का पंचायतनामा भरा। उनका शारीरिक परीक्षण करने के बावजूद शव को पंचनामे में हिंदू दिखाकर पोस्टमार्टम भिजवा दिया गया। लापरवाही दिखाते हुए पुलिस ने मृतक की शिनाख्त कराने की कोशिश नहीं की। शव को धनीराव पैंथर की संस्था को सौंप दिया गया। संस्था ने शव को हिंदू जान उसका दाह संस्कार करवा दिया।</span></div><div class="txtArticle4" style="color: red; text-align: justify;"><span style="font-size: large;">इधर परिजनों ने सूचना लगते ही वकील की खोजबीन शुरू की तो उन्हें पूरी कहानी मालूम चली। जुबैदा अनवरगंज थाने पहुंची और शव का फोटो देखा तो थाने में ही हंगामा कर दिया। जुबैदा सीओ अनवरगंज, पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) से भी मिलीं लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली। सोमवार को वह पार्षद इजहारुल अंसारी के साथ अनवरगंज थाने पहुंची। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। </span></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-15759226295734898882010-08-07T03:38:00.000-07:002010-08-07T03:38:46.400-07:00थाने में हैवान बनी पुलिस तीन की हालत गंभीरjagaran 07 July 2010<br />
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<div style="color: red; text-align: justify;"><span style="font-size: large;">चंदौली में पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए रेवती थाने लाये गये तीन आरोपियों पर पुलिस का कहर टूटा। हालत गंभीर होने पर पुलिस ने तीनों को स्वास्थ्य केन्द्र में शुक्रवार को भर्ती कराया। इसमें एक की हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। घटना से आक्रोशित जनता ने थाने व अस्पताल में बवाल काटा। उनका गुस्सा देख पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए। इसको लेकर तनाव बना हुआ है। बताते चले कि पांच अगस्त को थाने से चंद कदम की दूरी पर एक मोबाइल की दुकान से चोरों ने हजारों का सामान उड़ा दिया था। इसको लेकर पुलिस काफी परेशानी में पड़ गयी थी। पुलिस ने इस मामले में बंसफोर बस्ती के भीम, जितेन्द्र व मादा कोगुरुवार की रात को उठा लिया। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इन तीनों से कड़ाई से पूछताछ करने के दौरान थर्ड डिग्री का जमकर प्रयोग किया। इससे शाम को इनकी हालत गंभीर हो गयी। तीनों को इलाज के लिए पुलिस अभिरक्षा में स्वास्थ्य केन्द्र रेवती लाया गया। इसकी जानकारी होते ही जनता आक्रोशित होकर थाने पहंच गयी। प्रदर्शनकारियों में शामिल महिलाओं के तेवर देखने लायक थे। जनता के आक्रोश के आगे इन आरोपियों के साथ आई पुलिस टीम भाग खड़ी हुई।</span></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-8736950011718706252010-08-07T03:27:00.000-07:002010-08-07T03:27:41.942-07:00जवानों ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटाjagaran 07 july 2010<br />
<div style="color: red; text-align: justify;">जनपद के ग्राम मूड़ाडीहा खुर्द में गुरुवार की रात पुलिस ने ग्रामीणों पर जमकर ताकत दिखाई। पुलिस व पीएसी के जवानों ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। उल्लेखनीय है कि रुधौली क्षेत्र के मूड़ाडीहा खुर्द में एक जमीनी विवाद को लेकर गुरुवार को थानेदार एएन सिंह ने एक ग्रामीण को थप्पड़ मार दिया था, जिसे लेकर बाद में गांव के लोगों ने जमकर हंगामा किया और पैमाइश करने पहुंचे लेखपाल को बंधक बना लिया। इसके बाद शाम करीब सात बजे गांव में भारी तादात में पहुंच कर पुलिस और पीएसी के जवानों ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पीएसी जवानों ने कई घरों में घुस कर ट्रैक्टर, मोटर साइकिल, कुर्सी-मेज तथा लालटेन तक को तोड़ डाला। विकलांग ज्ञानमती पत्नी झिन्नीलाल तथा मनोज पुत्र बहरैची को भी पीटा। उपजिलाधिकारी मिश्रीलाल ने बताया कि रुधौली थानेदार की तहरीर पर छह ग्रामीणों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत हुआ है। ग्रामीणों ने पुलिस और राजस्वकर्मियों के साथ अभद्रता की। सरकारी कार्य में बाधा पहंुचायी। तब पीएसी और वाल्टरगंज, सोनहा तथा पुरानी बस्ती से पुलिस टीम बुलानी पड़ी।</div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-69388840055284434162010-07-31T02:00:00.000-07:002010-07-31T02:00:57.265-07:00हवालात में ‘हैवानियत’ पर फंस गई पुलिस<div style="text-align: justify;">amar ujala, 31 july 2010 </div><div style="text-align: justify;">महिला थाने की हवालात में एक महिला के साथ हैवानियत भरे सुलूक पर पुलिस बुरी तरह फंस गई है। शासन की फटकार पर पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। बरेली निवासी इस महिला को आठ दिनों तक अवैध हिरासत में रखकर उसके गुप्तांग में मिर्च और पेट्रोल डालने का यह सनसनीखेज मामला तीन दिन पहले प्रकाश में आया था।</div><div class="txtArticle4" style="text-align: justify;">बरेली निवासी सोनी (24) पत्नी दिनेश कुमार ने बुधवार को आईजी जावेद अख्तर के सामने पेश होकर महिला थाना पुलिस पर यह सनसनीखेज आरोप लगाए थे। सोनी ने आरोप लगाया था, 18 जुलाई को आधी रात पुलिस ने उसे दो बच्चों के अपहरण के शक में उस वक्त उठा लिया था जब वह मुरादाबाद में बहन के घर आई हुई थी। इसके बाद 26 जुलाई तक उसे महिला थाने में रखकर उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। सोनी के दावे पर यकीन किया जाए तो पुलिस वालों ने उसके गुप्तांग में मिर्च और पेट्रोल तक डाला। गुप्तांग पर तेजाब तक उड़ेलने की धमकी दी गई।</div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-20509142759341371752010-07-30T03:25:00.000-07:002010-07-30T03:25:27.604-07:00नक्सलियों को कारतूस बेचा, पुलिसकर्मी गिरफ्तार<div style="text-align: justify;">उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में एक पुलिसकर्मी को नक्सलियों को सरकारी कारतूस बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार लोकनाथ नाम के पुलिसकर्मी को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। वह सोनभद्र पुलिस लाइन में तैनात था। लोकनाथ पर पिछले दिनों सरकारी कारतूस से जुड़े कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इसके तार रामपुर में पकड़े गए कारतूस घोटाले के सूत्रधार एवं राज्य पुलिस के सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक यशोदानंदन सिंह से जुड़े हैं। </div><br />
<span style="color: brown;"><b>कारतूस घोटाले का भंडोफोड़</b></span><br />
<div style="text-align: justify;">रामपुर के पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि लोकनाथ को रामपुर पुलिस की टीम ने सोनभद्र पुलिस लाइन से गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी यशोदानंदन सिंह व गिरफ्तार किए गए अन्य पुलिसकर्मियों की निशानदेही पर हुई। इसी साल 30 अप्रैल को विशेष कार्रवाई दस्ते (एसटीएफ) ने रामपुर में कथित कारतूस घोटाले का भंडोफोड़ कर इस गिरोह के संचालक यशोदानंदन सिंह, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के दो जवानों और एक पुलिसकर्मी को भारी मात्रा में सरकारी कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले में विभिन्न जिलों से कई और पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए। </div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-20887985554834838622010-07-27T01:58:00.000-07:002010-07-27T01:58:58.709-07:00खाकी वर्दी को मिला अपराध का लाइसेंस<div style="text-align: justify;">जागरण 27 जुलाई 2010 </div><div style="color: blue; text-align: justify;">लखनऊ ढाई साल में ढाई सौ से ज्यादा दागी पुलिसकर्मी निलंबित। वसूली, अपहरण, लूट या बलात्कार जैसे जघन्य अपराध भी इनसे अछूता नहीं है। कायदे-कानून इनके लिए मायने नहीं रखते क्योंकि ये खाकी वर्दी पहनते हैं। कभी अपने इकबाल के लिए मशहूर यूपी पुलिस का यह बदरंग चेहरा ही अब इसकी असल पहचान है। शाहजहांपुर एटीएम कांड से फिर साबित हो गया कि मुख्यमंत्री हों या डीजीपी पुलिसकर्मियों को किसी का खौफ नहीं है। यूपी पुलिस व अपराध का नाता पुराना है। दागी पुलिसकर्मियों को फोर्स से बाहर करने के दावे कमजोर इच्छाशक्ति के आगे हवा हो गए और अपराध की बेल पुलिस महकमे की जकड़ती गई। शाहजहांपुर में रविवार को तीन सिपाहियों ने एटीएम लूट कर एक बार फिर वर्दी को दागदार किया। राजधानी के कई पुलिसकर्मियों के दामन पर भी अपराध की छींटे हैं। सनसनीखेज लूट हो या सुपारी लेकर हत्या, खाकी वर्दी वालों से कुछ नहीं बचा। और तो और 2006 में लखनऊ के गोमतीनगर से प्रापर्टी डीलर लोकनाथ के अपहरण में सीओ स्तर के अधिकारी तक की भूमिका सामने आयी। निचले स्तर के पुलिसकर्मियों में पनप रही आपराधिक प्रवृत्ति के लिए बड़े अफसर भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। बीते दिनों गोमतीनगर में एक पुलिस अधिकारी ने कानून का पालन करने पर ट्रैफिक के एक दारोगा के साथ जिस तरह का बर्ताव किया वह जग जाहिर है। बाराबंकी के किसान से नारकोटिक्स विभाग के अधीक्षक का रिश्र्वत लेना भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता का कहना है कि ऐसे हालात में काफी सुधार की जरूरत है। पुलिसकर्मियों को फर्ज को ध्यान में रखकर काम करना चाहिये। वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस तरह की घटनाएं रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई वर्ष 2008-निलंबित हुए 224, बर्खास्त 24, वर्ष 2009-निलंबित हुए 27, बर्खास्त छह, वर्ष 2010 में अब तक नौ पुलिसकर्मी निलंबित क्या हैं मामले नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, व्यवसायीयों से वसूली, ठेके पर हत्या कराने, राजमार्गो पर वसूली, अपराधी पर कार्रवाई न करने आदि को लेकर पुलिसकर्मियों पर आरोप हैं। लखनऊ के आशियाना इलाके में तो क्राइम ब्रांच ने ही व्यवसायी से सोना लूट लिया।</div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-73995901142997929802010-07-27T01:30:00.000-07:002010-07-27T01:30:39.772-07:00पुलिस कर्मियों ने व्यापारी को अगवा कर लूटा<b>जागरण 27 जुलाई 2010</b> <br />
<div style="color: red; text-align: justify;"><b>दिल्ली, जागरण संवाददाता सोनिया विहार इलाके में रविवार दोपहर कार सवार चार बदमाशों ने स्क्रैप व्यापारी को अगवा कर लिया। वारदात में दो दिल्ली पुलिस और एक यूपी पुलिस का सिपाही शामिल है। रोहुल्ला खान (51) सपरिवार गुलाबी बाग में रहते है। उनकी सोनिया विहार में स्क्रैप की दुकान है। रविवार दोपहर करीब 2 बजे वह दुकान पर बैठे थे। कार सवार चार लोग आए और खुद को सीबीआई कर्मचारी बताया। उन्हें चोरी का मॉल बेचने के आरोप में कार में बैठा लिया। बदमाश उन्हें घंटों सड़क पर कार में इधर-उधर घुमाते रहे। उनकी पिटाई की गई। रोहुल्ला के मुंह से खून निकलने पर उनकी कमीज पर खून के धब्बे पड़ गए थे। राह चलते लोगों की इस पर नजर न पड़े इसके लिए बदमाशों ने उन्हें टीशर्ट खरीदकर दी। बदमाशों ने रोहुल्ला की जेब में रखे 20 हजार रुपये व मोबाइल फोन छीन लिया। उन्हें छोड़ने के एवज में पांच लाख रुपये मांगे। मामला 50 हजार में तय हुआ। रोहुल्ला ने घर फोन करके भतीजे वसीउल्ला खान से पैसे मंगवाए। बदमाशों ने वसीउल्ला को कई घंटे पैसे लेकर इधर-उधर भटकाया। आखिर में देर शाम उन्होंने उसे विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन बुलाया। वसीउल्ला ने मार्केट के अन्य दुकानदारों व नाते-रिश्तेदारों को इसकी जानकारी दी। लोग कार, बाइक व अलग-अलग वाहनों से उसकी मदद के लिए पहुंचे। देर शाम वसीउल्ला बदमाशों को पैसे देने मेट्रो स्टेशन पहुंचा। बदमाश पैसे लेने आए तो लोगों ने उनको दबोच लिया। परिजनों का आरोप है कि सूचना देने के आधा घंटा देर से पुलिस आई। इसका फायदा उठाकर दो बदमाश फरार हो गए। दो को लोगों ने पकड़ लिया। इनकी पहचान अनिल कुमार व हिटलर सिंह के रूप में हुई है। दोनों दिल्ली पुलिस में सिपाही है। फरार हुए बदमाशों की पहचान जितेंद्र उर्फ बिट्टू व जावेद के रूप में हुई है। जितेंद्र यूपी पुलिस में सिपाही बताया जा रहा है। व्यापारी के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली), 323 (मारपीट) व 34 आईपीसी (एक से अधिक लोग का वारदात में शामिल होने) जैसी हल्की धाराएं लगाई हैं। यह आईपीसी की धारा 365 (बलपूर्वक जबरन अगवा करने) का मामला बनता है।</b></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-86821523977231645722010-07-26T00:17:00.000-07:002010-07-26T00:17:27.113-07:00सिपाहियों ने चोरी किया एटीएम<span style="color: red; font-size: large;"><b>अमर उजाला - 26 जुलाई 2010 </b></span><br />
<div style="color: blue; text-align: justify;">साढ़े आठ लाख के नोटों से भरा कॉर्पोरेशन बैंक का एटीएम शनिवार की रात लुटेरे खोल ले गए। पुलिस ने रविवार की सुबह एटीएम चैंबर में लगे सीसी कैमरे के जरिये मिले सुराग से वारदात का खुलासा करते हुए मय नोटों के एटीएम बरामद कर लिया। वारदात में तीन सिपाहियों समेत चार लोग शामिल थे। दो सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें एक पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री अवधेश वर्मा के आवास की सुरक्षा में तैनात था।</div><div class="txtArticle4" style="color: blue; text-align: justify;">लुटेरे सेठ इंक्लेव स्थित कॉर्पोरेशन बैंक का एटीएम शनिवार देर रात खोल ले गए। वह वाहन साथ लाए थे। मशीन भारी होने के कारण उन्होंने एक्सिस बैंक के चौकीदार और एक अन्य चौकीदार की मदद लेनी चाही, विरोध करने पर उन्हें पीटा गया। वारदात के समय कॉर्पोरेशन बैंक का चौकीदार मौके पर नहीं था। घटना के बाद चौकीदार नन्हे ने अपने मालिक विवेक को बताया कि लुटेरे कॉर्पोरेशन बैंक का एटीएम ले गए हैं। विवेक ने बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक अनुज सक्सेना को सूचना दी। सुबह पांच बजे पुलिस को सूचना मिली। सीओ सिटी ने एक्सिस बैंक के चौकीदारों से पूछताछ की। बैंक के सीसी कैमरे की रिकार्डिंग देखी गई। जिसमें सिपाही संदीप पंवार को पहचान लिया गया। सीओ सिटी ने दबिश देकर उसे पकड़ा। उसने वारदात में शामिल सिपाही शैलेन्द्र और संजीव के नाम बताये। शैलेन्द्र राज्यमंत्री अवधेश वर्मा के आवास की सुरक्षा में तैनात था। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। संदीप के मकान से एटीएम भी बरामद कर लिया गया। तीनों के खिलाफ केस कायम किया है। सिपाही संजीव कुमार और वाहन का ड्राइवर फरार हैं। आईजी गुरुबचन लाल ने पुलिस टीम के लिए 15 हजार के ईनाम की घोषणा करते हुए कहा, दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा।</div><div class="txtArticle4" style="text-align: justify;"><b><span style="color: red; font-size: large;">जागरण - 26 जुलाई 2010</span></b> </div><div class="txtArticle4" style="text-align: justify;"><div class="art_headline" style="color: red;"><span style="font-size: small;"><b>एटीएम लुटेरे दो सिपाही गिरफ्तार</b></span></div><div class="art_content"><div style="color: blue; font-family: Mangal;">शाहजहांपुर, 25 जुलाई (जासं) : शनिवार की रात तीन सिपाही कचहरी रोड पर चौकीदारों को मार-पीटकर कॉरपोरेशन बैंक का एटीएम उखाड़ ले गए। दो सिपाहियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर एटीएम व उसमें रखे रुपये बरामद कर लिए गए। इनमें एक सिपाही राज्यमंत्री अवधेश वर्मा की गारद का है। सदर बाजार थाना क्षेत्र के मोहल्ला सेठ एंक्लेव में कॉरपोरेशन बैंक का कार्यालय है। बगल में ही बैंक का एटीएम भी है। एटीएम पर चौकीदार मूलचन्द्र की ड्यूटी थी। तबीअत खराब होने के कारण वह रात करीब साढे़ बारह बजे वह बैंक प्रबंधक को सूचित कर घर चला गया। एटीएम की देखरेख का जिम्मा वह कुछ ही दूरी पर स्थित ऐक्सिस बैंक के एटीएम पर तैनात चौकीदार विनोद कुमार और कॉलोनी के निजी चौकीदार नन्हे को सौंप गया था। बैंक से कुछ दूरी पर कॉलोनी में ही राज्यमंत्री अवधेश वर्मा का भी मकान है, जहां सुरक्षा गारद रहती है। चौकीदार विनोद आदि ने पुलिस को बताया कि तड़के साढ़े तीन बजे राज्यमंत्री के गारद का सिपाही शैलेंद्र अपने दो साथियों के साथ कॉरपोरेशन बैंक के एटीएम पर पहुंचा। सिपाहियों ने चौकीदार नन्हे व विनोद को बंधक बना लिया। नन्हे की पिटाई भी की। इसके बाद आरोपी सिपाही एटीएम कक्ष में गए और लाइट का कनेक्शन काट दिया। चौकीदारों की मदद से एटीएम टाटा मैजिक में लादकर फरार हो गए। नन्हे ने अपने मालिक विनोद कुमार तुली को घटना की सूचना दी। श्री तुली से मिली सूचना पर बैंक के सहायक प्रबंधक अनुज कुमार सक्सेना पुलिस को जानकारी दी। आईजी गुरबचन लाल, एसपी कृष्ण मोहन आदि मौके पर पहुंचे। पुलिस व बैंक अधिकारियों ने एटीएम कक्ष का निरीक्षण किया। क्लोज सर्किट कैमरे में खाकी रंग का रेनकोट व पुलिस की टोपी पहने एक युवक दिखा। उसकी पहचान आर्म्ड पुलिस के सिपाही संदीप पंवार के रूप में हुई, जो इस समय निलंबित है। कुछ घंटे में उसे दबोच लिया गया।</div><div style="color: red; font-family: Mangal;"><span style="font-size: small;"><b>यूपी के मंत्री की सुरक्षा में तैनात सिपाही ने लूटा एटीएम</b></span></div><div style="font-family: Mangal;"><span style="color: blue;">जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शनिवार की रात तीन सिपाही कचहरी रोड पर चौकीदारों को मार-पीटकर कॉरपोरेशन बैंक का एटीएम उखाड़ ले गए। दो सिपाहियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर एटीएम बरामद कर लिया गया है। इनमें एक सिपाही राज्यमंत्री अवधेश वर्मा की सुरक्षा में तैनात है। सदर बाजार थाना क्षेत्र के मोहल्ला सेठ एंक्लेव में कॉरपोरेशन बैंक का कार्यालय है। बगल में ही बैंक का एटीएम भी है। एटीएम पर चौकीदार मूलचंद्र की ड्यूटी थी। तबीयत खराब होने के कारण वह रात करीब साढे़ बारह बजे बैंक प्रबंधक को सूचित कर घर चला गया। एटीएम की देखरेख का जिम्मा वह कुछ ही दूरी पर स्थित ऐक्सिस बैंक के एटीएम पर तैनात चौकीदार विनोद कुमार और कॉलोनी के निजी चौकीदार नन्हे को सौंप गया। बैंक से कुछ दूरी पर कॉलोनी में ही राज्यमंत्री अवधेश वर्मा का भी मकान है, जहां सुरक्षा गारद रहती है। चौकीदार विनोद आदि ने पुलिस को बताया कि तड़के साढ़े तीन बजे राज्यमंत्री के गारद का सिपाही शैलेंद्र अपने दो साथियों के साथ कॉरपोरेशन बैंक के एटीएम पर पहुंचा। सिपाहियों ने चौकीदार नन्हे व विनोद को बंधक बना लिया। नन्हे की पिटाई भी की। इसके बाद आरोपी सिपाही एटीएम कक्ष में गए और लाइट का कनेक्शन काट दिया। चौकीदारों की मदद से एटीएम टाटा मैजिक में लादकर फरार हो गए। नन्हे ने अपने मालिक विनोद कुमार तुली को घटना की सूचना दी। तुली से मिली सूचना पर बैंक के सहायक प्रबंधक अनुज कुमार सक्सेना ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस व बैंक अधिकारियों ने एटीएम कक्ष का निरीक्षण किया। क्लोज सर्किट कैमरे में खाकी रंग का रेनकोट व पुलिस की टोपी पहने एक युवक दिखा। उसकी पहचान आर्म्ड पुलिस के सिपाही संदीप पंवार के रूप में हुई, जो इस समय निलंबित है। कुछ घंटे में उसे दबोच लिया गया। सिपाही शैलेन्द्र सिंह को भी पकड़ लिया गया। निशानदेही पर संदीप पंवार के कमरे से एटीएम बरामद कर लिया। आईजी गुरबचन लाल ने बताया कि सिपाही एटीएम से रुपये निकाल नहीं पाए। एटीएम में आठ लाख चौवन हजार सात सौ रुपये थे, जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। पकड़े गए सिपाहियों में शैलेन्द्र सिंह खुर्जा और संदीप पवार जिला मुजफ्फरनगर का निवासी है।</span> </div></div></div><div class="txtHeadline16" style="text-align: justify;"></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-89197539897917818132010-07-17T02:02:00.000-07:002010-07-17T02:02:14.788-07:00पुलिस का कारनामा Jagaran- 17 july 2010<div class="art_headline"><span style="font-size: large;"><b>औरैया के एक गांव पर टूट पड़ी पांच थानों की पुलिस</b></span></div><div class="art_content" style="text-align: justify;"><div style="font-family: Mangal;"> <b style="color: red;">साथियों की पिटाई से गुस्सायी कई थानों की पुलिस ने पढ़ारा गांव में उत्पात मचाया। रिटायर्ड पुलिसकर्मी समेत दो घरों में तोड़फोड़ की और लाखों के जेवरात नगदी लूट ली। पुलिस ने दो दर्जन ग्रामीणों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। गढ़वाना तिराहे पर चेकिंग के नाम पर पुलिस कर्मी ने दोनों भाइयों वदेश तथा बृजेश की पिटाई की और लूट लिया। गांव में बताने पर दो दर्जन ग्रामीण तत्काल गढ़वाना तिराहे पर आये और पुलिसकर्मियों से शिकायकरने पर हाथापाई हुई। इसके बाद अछल्दा, फफूंद, बिधूना, एरवाकटरा, बेला थानों की फोर्स तथा पीएसी बल व महिला पुलिस शुक्रवार दोपहर पढ़ारा पहुंची। यहां उसने स्वदेश, बृजेश के घर के मुख्य द्वार को तोड़ डाला और घर में घुसकर सारा सामान तहस-नहस कर दिया। पूर्व संासद प्रदीप यादव पढ़ारा पहुंचे तो उन्हें गांव खाली मिला। पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे का कहना है कि दोनों युवकों ने अन्य साथियों के साथ मिलकर पुलिस से मारपीट की थी। शुक्रवार को दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस बल मौके पर भेजा गया था, लेकिन पुलिस द्वारा अभद्रता या लूट की बात सरासर गलत है।</b></div><div style="font-family: Mangal;"><b style="color: red;"><br />
</b></div></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-24527858776816685912010-05-03T01:23:00.000-07:002010-05-03T01:30:33.375-07:00217 रुपये में बेचते थे एके-47 की एक गोली<span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">दैनिक</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">जागरण </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">में</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">देखिये</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">किस</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">प्रकार</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">पुलिस</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">अपराध</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">पैदा</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">कर</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">रही</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);"> </span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">है</span><span style="font-weight: bold; color: rgb(204, 0, 0);">। </span><br /><div style="text-align: justify;"><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नक्सलियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">को</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">असलहों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कारतूस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">खेप</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पहुंचाने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वाले</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वर्दीधारी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एके</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">-47 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> 217 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रुपये</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बेचते</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थे।</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">अत्याधुनिक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">असलहों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पुर्जो</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">भी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">निर्धारित</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थे।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बहरहाल</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">खाकी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वर्दी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">दाग</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">लगाने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वाले</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">छह</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">वर्दीधारियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तीन</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">को</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">दस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">दिन</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पुलिस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रिमांड</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">भेज</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">दिया</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गया।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जिसके</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बाद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एसटीएफ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">सीआरपीएफ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">और</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">रामपुर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पुलिस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">अधिकारी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">उनसे</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पूछताछ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">करने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जुट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गये</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हैं।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कोशिश</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">यह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">मालूम</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">करना</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कि</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गिरोह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">का</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">नेटवर्क</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कहां</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">फैला</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">और</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">अब</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नक्सलियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">को</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हथियारों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कितनी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">आपूर्ति</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हुई।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">प्रारंभिक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">छानबीन</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">मालूम</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हुआ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कि</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नक्सलियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">मददगार</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वर्दीधारी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">अब</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">करोड़ों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रुपये</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">असलहे</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बेच</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">चुके</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हैं।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">यह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">लोग</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">एके</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">-47 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> 217 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रुपये</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बेचते</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थे</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जबकि</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">इंसास</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गोली</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> 170 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रु।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एसएलआर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> 165 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रु</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">. </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थ्री</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नाट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थ्री</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> 135 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रु</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">. </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जबकि</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> . 9 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एमएम</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गोली</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> 130 </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रु</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">. </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बेची</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जाती</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थी।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">इलाहाबाद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नैनी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">स्थित</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">यशोदा</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">घर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">ही</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बैठक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">होती</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">और</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वहीं</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">से</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">असलहों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तथा</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">की</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">खेप</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नक्सलियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पहुंचायी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जाती</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">थी।</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">यह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">भी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">मालूम</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हुआ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कि</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गोरखपुर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">मऊ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वाराणसी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">मौजूद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">खरीदारों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पास</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हथियारों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बुलेट</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">का</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जखीरा</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">मौजूद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बहरहाल</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">इस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जानकारी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बाद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नक्सलियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">को</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">असलहे</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कारतूस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पहुंचाने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">वाले</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गिरोह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">सरगना</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">सेवानिवृत्त</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एसआई</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">यशोदा</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नंद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">सिंह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">आर्मोरर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">विनोद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पासवान</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">विनेश</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">सिंह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">को</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रिमांड</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">लेने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">बाद</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">एसटीएफ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">, </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">सीआरपीएफ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">व</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रामपुर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पुलिस</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">के</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">अधिकारी</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गुप्त</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">ठिकाने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गहन</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पूछताछ</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रहे</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">हैं।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">अफसरों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">का</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कहना</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कि</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">गिरोह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">का</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">नेटवर्क</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">दूर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">-</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">दूर</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">तक</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">फैला</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है।</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">आरोपियों</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">से</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">पता</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">लगाने</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">का</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">प्रयास</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">किया</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">जा</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">है</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कि</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">गिरोह</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">में</span><span style="color: rgb(0, 0, 153);"> </span><span style="color: rgb(0, 0, 153);">कितने</span> <span style="color: rgb(0, 0, 153);">सदस्य हैं। अब तक कितने कारतूस, असलहे व असलहों के पुर्जे बेचे हैं। एडीजी कानून एवं व्यवस्था बृजलाल ने बताया कि लखनऊ के पुलिस अधिकारी भी आरोपियों से पूछताछ करेंगे। पुलिस अफसरों की एक विशेष टीम बनायी जा रही है। एसटीएफ का एक दल बिहार गया है। बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, मऊ व वाराणसी में गिरोह से जुड़े तीन लोगों के बारे में एसटीएफ को पुख्ता सुराग मिले हैं। वहां से भी आरोपियों को दबोचने की कार्रवाई चल रही है। गौरतलब है कि एसटीएफ ने रामपुर, मुरादाबाद व झांसी से शुक्रवार को सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक यशोदा नंद सिंह, आर्मोरर विनोद पासवान, विनेश सिंह, वंशलाल, अखिलेश पाण्डेय व कांस्टेबिल नाथीराम सैनी को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के पास से भारी मात्रा में कारतूस, बुलेट, खोखे व प्रतिबंधित बोर के असलहों के पुर्जे बरामद हुए थे। उधर डीजीपी करमवीर सिंह ने रामपुर, मुरादाबाद, झांसी, कानपुर नगर, इलाहाबाद व बस्ती आदि जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि कारतूसों के संबंध पंजीकृत किये गये अभिलेखों को विशेष आख्या के रूप में माना जाये। पुलिस टीम हर रोज उसकी प्रगति की समीक्षा करे और उससे संबंधित जानकारी पुलिस महानिरीक्षक, अपराध को प्रेषित करें। बस्ती के आर्मोरर से बरामदगी : एसटीएफ ने बस्ती जिले के आर्मोरर रामकृपाल सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से .9 एमएम कार्बाइन के 169, 9 एमएम पिस्टल का एक, कार्बाइन की दो मैगजीन, एसएलआर का एक चार्जर व पांच बुलेट, 303 के 17 कारतूस, तीन चार्जर क्लिप, इंसास की तीन बुलेट व 50 हजार रुपये बरामद किये।</span><br /><br /><br /><br /><br /></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-47584270616286177982010-05-03T00:39:00.000-07:002010-05-03T01:08:53.091-07:00<div style="text-align: justify; color: rgb(153, 0, 0);"><span>अपने</span> <span>आस</span>-<span>पास</span> <span>देखिये</span>, <span>पोलिसे</span> <span>कितनी</span> <span>बदल</span> <span>गयी</span> <span>है</span>। <span>किसी</span> <span>भी</span> <span>कम</span> <span>के</span> <span>लिए</span> <span>आप</span> <span>उसके</span> <span>कार्यों</span> <span>को</span> <span>देखे</span> <span>आप</span> <span>समझ</span> <span>जायेंगे</span> <span>कि</span> <span>कितने</span> <span>परिवर्तन</span> <span>आ</span> <span>गया</span> <span>है</span>। <span>उत्तर</span> <span>प्रदेश</span> <span>में</span> <span>जो</span> <span>शासन</span> <span>है</span> <span>उसमे</span> <span>तो</span> <span>हर</span> <span>कम</span> <span>के</span> <span>पैसे</span> <span>तय</span> <span>है</span>। <span>आप</span> <span>विना</span> <span>पैसा</span> <span>के</span> <span>कोई</span> <span>भी</span> <span>कार्य</span> <span>को</span> <span>आगे</span> <span>नहीं</span> <span>कर</span> <span>सकते</span> <span>हैं</span>।<br /></div><br /><div style="text-align: justify;"><span>किसी</span> <span>भी</span> <span>इज्जतदार</span> <span>व्यक्ति</span> <span>का</span> <span>थाने</span> <span>तक</span> <span>जाना</span> <span>अपनी</span> <span>इज्जत</span> <span>हो</span> <span>गवाना</span> <span>ही</span> <span>है</span>। <span>यही</span> <span>सुरक्षा</span> <span>भी</span> <span>करते</span> <span>है</span> <span>और</span> <span>अब</span> <span>अपराध</span> <span>भी</span>। <span>उत्तर</span> <span>प्रदेश</span> <span>से</span> <span>अपराधी</span> <span>नाम</span> <span>मिट</span> <span>गया</span> <span>है</span>। <span>जो</span> <span>भी</span> <span>अपराध</span> <span>हो</span> <span>रहे</span> <span>है</span> वह <span>पोलिसे</span> प्रायोजित <span>हैं</span>। <span>अपने</span> <span>आस</span>-<span>पास</span> देंखे <span>कोई</span> <span>भी</span> <span>इज्जतदार</span> <span>व्यक्ति</span> <span>हिम्मत </span><span>ही</span> <span>नहीं</span> करेगा <span>कि</span> <span>पोलिसे</span> <span>के</span> <span>पास जाएँ। </span><br /></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-80327207389548271622010-05-03T00:17:00.000-07:002010-05-03T00:35:19.359-07:00फौजी निकला मुठभेड़ में मारा गया युवक<div style="text-align: justify;"><span style="font-size:85%;">बुलंदशहर। पुलिस का गुडवर्क उसके लिए सिरदर्द बन गया। शनिवार को पुलिस ने जिस युवक को बदमाश बताकर मुठभेड़ में मार डाला, रविवार को उसकी शिनाख्त राजपूताना राइफल्स के सिपाही के रूप में हुई। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है।</span><br /><span style="font-size:85%;"><br />अलीगढ़ के खैर क्षेत्र के गांव भाभेरी के कुछ ग्रामीण रविवार सुबह बुलंदशहर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। वहां उन्होंने मारे गए युवक की शिनाख्त कुलदीप सिंह पुत्र वीरी सिंह निवासी गांव भाभेरी के रूप में की। कुलदीप के मौसा प्रेमपाल सिंह ने बताया कि कुलदीप राजपूताना राइफल्स की २१वीं बटालियन में तैनात था। पिछले सप्ताह वह बहन की शादी के लिए छुट्टी लेकर गांव आया था। पिता वीरी सिंह ने फोन पर बताया कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या की है। परिजनों के अनुसार कुलदीप ३० अप्रैल को गौरव साथ गया था। उसके बाद से वह घर नहीं लौटा। दो मई को समाचार पत्रों में मुठभेड़ का समाचार और फोटो देखकर परिजनों को कुलदीप के साथ हुए हादसे की जानकारी मिली।</span><br /></div><div style="text-align: justify;"><span style="font-size:85%;"><br />उधर, एसएसपी ने एनकाउंटर के असली होने का दावा करते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि किसी अपराधी पर पहले से मामले दर्ज हों। कुलदीप और उसके साथी ने मथुरा से कार बुक करने के बाद लूटपाट की थी। चालक की शिकायत पर पुलिस ने घेराबंदी की। बदमाशों की तरफ से फायरिंग होने के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें कुलदीप घायल हो गया। जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान उसकी मौत हुई है।</span><br /><br />अमर उजाला ०३ मई 2010<br /><span style="font-size:85%;"> </span></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7700769391292300761.post-49379908698294468522010-04-09T04:52:00.000-07:002010-04-09T05:24:49.272-07:00पुलिस एवं उसकी आवश्यकता<b>पुलिस</b> <a href="http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%9C%E0%A5%80" title="अंग्रेजी" class="mw-redirect">अंग्रेजी</a>: <span style="font-weight: bold;">Police</span>, शुद्ध हिन्दी: आरक्षी या आरक्षक) एक सुरक्षा बल होता है जिसका उपयोग किसी भी देश की अन्दरूनी <a href="http://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95&action=edit&redlink=1" class="new" title="नागरिक (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">नागरिक</a> <a href="http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE" title="सुरक्षा">सुरक्षा</a> के लिये ठीक उसी तरह से किया जाता है जिस प्रकार किसी <a href="http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6" title="देश" class="mw-redirect">देश</a> की बाहरी <a href="http://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%88%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%95&action=edit&redlink=1" class="new" title="अनैतिक (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">अनैतिक</a> गतिविधियों से रक्षा के लिये <a style="font-weight: bold;" href="http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE" title="सेना">सेना</a> का उपयोग किया जाता है।<br /><h2><span class="mw-headline" id=".E0.A4.AD.E0.A4.BE.E0.A4.B0.E0.A4.A4_.E0.A4.AE.E0.A5.87.E0.A4.82_.E0.A4.AA.E0.A5.81.E0.A4.B2.E0.A4.BF.E0.A4.B8_.E0.A4.95.E0.A4.BE_.E0.A4.87.E0.A4.A4.E0.A4.BF.E0.A4.B9.E0.A4.BE.E0.A4.B8">भारत में पुलिस का इतिहास</span></h2><div style="text-align: justify;"> भारतवर्ष में पुलिस शासन के विकासक्रम में उस काल के दंडधारी को वर्तमान काल के पुलिस जन के समकक्ष माना जा सकता है। प्राचीन भारत का स्थानीय शासन मुख्यत: ग्रामीण पंचायतों पर आधारित था। मुगल काल में ग्राम के मुखिया मालगुजारी एकत्र करने, झगड़ों का निपटारा आदि करने का महत्वपूर्ण कार्य करते थे और निर्माण चौकीदारों की सहायता से ग्राम में शांति की व्यवस्था स्थापित रखे थे। उच्च श्रेणी के चौकीदार अपराध और अपराधियों के संबंध में सूचनाएँ प्राप्त करते थे और ग्राम में व्यवस्था रखने में सहायता देते थे। उनका यह भी कर्तव्य था कि एक ग्राम से दूसरे ग्राम तक यात्रियों को सुरक्षापूर्वक पहुँचा दें।<br /><br /> सन् 1765 में जब अंग्रेजों ने बंगाल की दीवानी हथिया ली तब जनता का दायित्व उनपर आया। वारेन हेस्टिंग्ज़ ने सन् 1781 तक फौजदारों और ग्रामीण पुलिस की सहायता से पुलिस शासन की रूपरेखा बनाने के प्रयोग किए और अंत में उन्हें सफल पाया।जनपदीय मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया गया कि प्रत्येक जनपद को अनेक पुलिसक्षेत्रों में विभक्त किया जाए और प्रत्येक पुलिसक्षेत्र दारोगा नामक अधिकारी के निरीक्षण में सौंपा जाय। इस प्रकार दारोगा का उद्भव हुआ।<br /><br /> मूलत: वर्तमान पुलिस शासन की रूपरेखा का जन्मदाता लार्ड कार्नवालिस था। वर्तमान काल में हमारे देश में अपराधनिरोध संबंधी कार्य की इकाई, जिसका दायित्व पुलिस पर है, थाना अथवा पुलिस स्टेशन है। थाने में नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा इन दायित्वों का पालन होता है। सन् 1861 के पुलिस ऐक्ट के आधार पर पुलिस शासन प्रत्येक प्रदेश में स्थापित है।</div><br /> प्रत्येक जनपद में सुपरिटेंडेंट पुलिस के संचालन में पुलिस कार्य करत है। सन् 1861 के ऐक्ट के अनुसार जिलाधीश को जनपद के अपराध संबंधी शासन का प्रमुख और उस रूप में जनपदीय पुलिस के कार्यों का निर्देशक माना गया है।<br /><br /><span style="font-size:180%;"><span style="font-weight: bold;">पुलिस</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कार्य</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">व्</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">आवश्कता</span></span><br /> <br /><p>पुलिस के मुख्यत: निम्नलिखित कार्य हैं :</p> <p>(1) अपराधनिरोध एवं अपराधों का विवेचन।</p> <p>(2) यातायात नियंत्रण</p> <p>(3) राजनीतिक सूचनाओं का एकत्रीकरण तथा राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा।</p><p><br /></p><p style="text-align: justify;"> अलग-अलग देशों की पुलिस के पास अलग प्रकार की <a href="http://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%82%E0%A4%A8%E0%A5%80&action=edit&redlink=1" class="new" title="कानूनी (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">कानूनी</a> धारायें है और प्रत्येक <a href="http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE" title="धारा">धारा</a> अलग अलग <a href="http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%82%E0%A4%A1" title="दंड">दंड</a> घोषित करती है। अपराधनिरोध के अंतर्गत न केवल व्यक्ति एवं संपत्ति संबंधी अपराधों का निरोध होता है वरन् मादक द्रव्यों का तथा गाँजा, भाँग, अफीम, कोकीन के तस्कर व्यापार का निरोध और वेश्यावृत्ति संबंधी अधिनियम को लागू कराने की कार्यवाहियाँ भी सन्निहित हैं। यातायात संबंधी व्यवस्था स्थापन में ट्रेफिक पुलिस द्वारा नगरों में यातायात का सुनियंत्रण एवं मोटर संबंधी अधिनियमों का परिपालन कराने की कार्रवाई की जाती है।</p><div style="text-align: justify;"> देश में प्रादेशिक पुलिस का एक अंग, जिसे आर्म पुलिस, प्राविंशिल आर्म कांस्टेबुलरी, स्पेशल आर्म फोर्स आदि नाम विभिन्न प्रदेशों में दिए गए हैं, विशेष आशंकाजनक स्थितियों में मुख्यत: उपद्रवों के दमन के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य प्रशासन अथवा अपराधों की रोकथाम थानों पर नियुक्त सिविल पुलिस द्वारा की जाती है।<br /><br /> पुलिस देस के आधार को मजबूत बनाने का कम करती है। प्रत्यछ रूप से अपराध को खत्म कर जनता को सुरक्षा देने का कम करती है। इस प्रकार पुलिस की समाज को बहुत बड़ी जरुरत है। सुरक्षा और पुलिस एक दुसरे के लिए पूरक है। <br /></div>You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0