Wednesday, October 27, 2010

पुलिस ने खुले आम कई दिनों तक की गुंडागर्दी

कानपुर का घाटमपुर तेहसील में चुनाव में समाचार पत्रों के अनुसार किसी हिअत्रिसीतर के पक्ष में कार्यवाही या समर्थन करने में लोगो में विरोध किया तो लाठी चार्ज किया तो जनता ने भी गुस्सा जाहिर कर पथराव किया. इसके बाद जारी हुआ पुलिस के खाकी वर्दी की गुंडागर्दी, देखिये कुछ अख़बारों की प्रकाशित सूचनाएँ--

अमरउजाला 26 oct 2010

आखिरी वक्त पर घाटमपुर के चिरली गांव में उपद्रव कानपुर। चौथे चरण के मतदान का अंतिम एक घंटा पुलिस-प्रशासन पर भारी पड़ा। गुस्साई भीड़ ने घाटमपुर के चिरली मतदान केंद्र पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाकर हंगामा किया तो पुलिसकर्मियों ने कई प्रत्याशियों के बस्ते तोड़फोड़ दिए और जमकर लाठियां बरसाईं। जवाब में गुस्साए लोगों ने पथराव करते हुए बूथ लूटने की कोशिश की तो पुलिस ने लोगों को मकानों से खींचकर पीटा। डीएम और डीआईजी सहित भारी फोर्स मौके पर पहुंची तब हालात काबू हुए। करीब 17 लोगों को पकड़ा गया है।
घाटमपुर की चिरली ग्राम पंचायत से एक हिस्ट्रीशीटर की पत्नी प्रधानी का चुनाव लड़ रही है। बताते हैं दोपहर से ही हिस्ट्रीशीटर मतदान केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों को चाय-नाश्ता करा रहा था। मतदान का वक्त खत्म होने से पूर्व उसने पुलिस की शह पर फर्जी वोटिंग करानी शुरू कर दी। जब अन्य प्रत्याशियों ने विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करते हुए उनके ही बस्तों पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पत्थर चलाए तो अफरा-तफरी मच गई। बौखलाई पुलिस ने गांव में तांडव मचाया। अशोक के 15 वर्षीय पुत्र संजय सविता को बुरी तरह पीटा। बाद में पुलिस ने लोगों को मकानों से घसीटकर पीटा। करीब दो घंटे तक मतदान केंद्र पर हंगामा चला। डीएम ने बताया 12 पोलिंग एजेंट सहित 17 लोगों को शांतिभंग के आरोप में पकड़ा गया है।
२७ oct 2010
डर के मारे कई लोग घरों से भागे
घाटमपुर। पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के दौरान भीतरगांव विकास खंड के चिरली गांव में हुए बवाल की आग में पुलिस ने आज फिर घी डाल दिया। आरोप है कि पुलिस ने गांव में प्रधानी का चुनाव लड़े लोगों के घरों में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस के डर से तमाम लोग पलायन कर गए हैं। इससे गांव में दहशत है।
आरोप है बीते सोमवार को पंचायत चुनाव का मतदान खत्म होने से करीब एक घंटे पहले चिरली गांव निवासी एक ग्रामीण ने फर्जी मतदान करवाना शुरू कर दिया। उसकी पत्नी प्रधानी का चुनाव लड़ी है। जबकि, उसके मुकाबले में चिरली के विमल किशोर, भूरा, जीतेंद्र मिश्रा, पूत शुक्ला तथा मुन्ना मिश्रा सहित कुल 10 उम्मीदवार हैं। फर्जी मतदान को लेकर पुलिस व ग्रामीणों के बीच बवाल हो गया। पुलिस इस मामले में 16 लोगों को उठाकर ले आई थी। इनके परिवारवाले पुलिस के भय से गांव से पलायन कर गए हैं। वहीं, प्रधान पद की प्रत्याशी सुशीला देवी का आरोप है कि पुलिस उनके घर से नकदी और जेवर भी उठा ले गई।
इधर, मंगलवार की दोपहर बाद सीओ (घाटमपुर) पीपी सिंह की अगुवाई में पुलिस की कई जीपें चिरली गांव पहुंचीं। आरोप है कि पुलिस ने प्रत्याशियों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की।
इस बारे में घाटमपुर सीओ पीपी सिंह ने बताया कि वह चिरली गांव गए ही नहीं हैं। बताया कि हो सकता है कि साढ़ पुलिस गई हो। दूसरी ओर, पुलिस के तांडव का शिकार हुए लोग घरों से पलायन कर गए हैं। अधिकांश घरों में ताले बंद हैं।
पकड़े गए लोगों में विमल किशोर उसका भाई कमल किशोर, पिता श्याम किशोर तिवारी, सुरेंद्र कुमार, सत्यप्रकाश शुक्ला (पूत), अशोक कुमार कुरील, विजय कुशवाहा, श्यामू सिंह, धीरेंद्र सिंह, राजबहादुर सिंह, राघवेंद्र सिंह, लालसिंह, सोनू सिंह, संतोष सविता तथा चंद्रहास सिंह समेत कुल 16 लोग शामिल हैं। इनको दफा 151 के तहत मंगलवार को ज्वाइंट मजिस्टे्रट के सामने पेश किया गया। इनमें 12 को जमानत दे गई जबकि चार को जेल भेजने के निर्देश दिए।
चिरली में पुलिस ने फिर लोगों को दौड़ाया
‘पुलिस ने तो हद ही पार कर दी’
घाटमपुर। चिरली गांव में लगातार दूसरे दिन पुलिस तांडव की खबर पाकर फतेहपुर के सपा सांसद एवं घाटमपुर के पूर्व विधायक राकेश सचान मंगलवार शाम वहां पहुंच गए। सपाइयों ने पुलिसिया कार्रवाई पर विरोध जताया है। इधर, पुलिस ने आज भी कुछ लोगों को पकड़ा है। उधर, राकेश सचान ने बताया कि पुलिस ने अपनी हद पारकर काम किया है जिसकी शिकायत केंद्र सरकार तक की जाएगी। मालूम हो कि बीते सोमवार को हुई घटना के बाद अधिकारियों से सपा सांसद राकेश सचान ने वार्ता की थी। इस पर उन्होंने आश्वासन दिया था कि पकड़े घए लोगों के खिलाफ कोई गंभीर मुकदमा नहीं लिखा जाएगा। उनको एसडीएम की अदालत से कार्रवाई के बाद जमानत दिलवा दी जाएगी। इसके बाद लोग शांत हो गए थे।
लेकिन, मंगलवार को सीओ के नेतृत्व में फिर पहुंची पुलिस ने फिर गांव में तांडव मचाया तथा दर्जन भर से अधिक लोगों को उठाकर थाने ले आई। इसकी खबर मिलते ही जहानाबाद (फतेहपुर) के पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा, सपा के ग्रामीण जिलाध्यक्ष मुनींद्र शुक्ला तथा पूर्व एमएलसी लालसिंह तोमर के अलावा चंद्रपाल दिवाकर समेत बड़ी संख्या में सपाई चिरली गांव पहुंच गए।
पुलिस के तांडव के बाद चिरली गांव में पसरा सन्नाटा

दैनिक जागरण 26 oct 2010

चिरली में पथराव व लाठीचार्ज


घाटमपुर, प्रतिनिधि: घड़ी की सुई ने सोमवार को साढ़ क्षेत्र के चिरली व में पुलिस व ग्रामीणों में संघर्ष करा दिया। समय से पहले पुलिस द्वारा बूथ हटवाने से नाराज ग्रामीणों के पथराव के जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। संघर्ष में दरोगा सहित तीन सिपाही व आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गये। भीतरगांव विकास खंड की ग्राम सभा चिरली में प्रधान का पद अनारक्षित है, यहां 10 प्रत्याशी मैदान में थे। चिरली ग्राम सभा में तिलियावर व घारमपुर गांव भी आते हैं। शाम साढ़े चार बजे एक प्रत्याशी द्वारा 500-500 रुपये देकर महिलाओं से फर्जी वोटिंग कराने की शिकायत पर एसीएम मदन सिंह गर्बयाल व सीओ शोएब इकबाल इस पोलिंग सेंटर पर पहुंचे। इस दौरान पांच बजने की गलतफहमी में सिपाहियों ने प्रत्याशियों के खदेड़ने के साथ मतदाता सूची तथा बैनर पलट दिये। इससे नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया। पथराव में दरोगा संगम लाल शुक्ला के जख्मी होने के बाद पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। पास के केंद्रों से अतिरिक्त पुलिस व पीएसी मंगाकर गांव की घेराबंदी कर ली। इसके बाद जो जहां मिला पीटा। प्रधान प्रत्याशी गप्पू तिवारी, पवन तिवारी समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एडीएम सर्वज्ञ राम मिश्रा व एसपी यातायात राम पाल गौतम ने लोगों को शांत कराया। देर रात पुलिस गांव में पथराव करने वालों की धरपकड़ में जुटी थी। सीओ प्रेम प्रकाश ने बताया भीड़ पर काबू पाने में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
दरवाजे उखाड़े, चूल्हे तक तोड़े
घाटमपुर, प्रतिनिधि : चिरली गांव में सोमवार को पंचायत चुनाव के दौरान ग्रामीणों से संघर्ष में दरोगा व सिपाहियों के घायल होने से गुस्सायी पुलिस ने मंगलवार को दोबारा छापा मारा। पुलिस बल ने कई घरों में चूल्हे, पलंग व गृहस्थी का सामान तोड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि महिलाओं से अभद्रता करने के साथ सिपाही नकदी व जेवर भी लूट ले गये। पंचायत चुनाव में सोमवार सायं साढ़े चार बजे पुलिस द्वारा चिरली में मतदान केंद्र के बाहर लगे प्रत्याशियों के बस्ते हटवाने से उत्तेजित ग्रामीणों ने पथराव किया था। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर 16 लोगों को शांति भंग में गिरफ्तार किया था। बाद में गांव की घेराबंदी कर पुलिस ने कई लोगों की पिटाई की थी। मंगलवार सायं चार बजे पुलिस ने गांव में दोबारा छापा मारा। कोतवाली, सजेती, बिधनू, महराजपुर व नर्वल थाने की फोर्स के साथ पीएसी भी गांव पहुंची। आरोप है कि ग्राम प्रधान प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ भूरा सिंह व संध्या शुक्ला के अलावा जगदेव सिंह, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवबरन सिंह उर्फ मोना, रहमुद्दीन, रशीद, विनोद शुक्ला, बउवन व रामजी शुक्ला के घरों में फोर्स ने जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने टीवी, पलंग, ड्रेसिंग टेबल व गृहस्थी का सामान तोड़ दिया। रसोई में तैयार भोजन सड़क पर फेंक दिया। शिवबरन सिंह की मां गुलगुले पका रही थीं। सिपाहियों ने उनकी कढ़ाई में लात मार दी। गरम तेल पैर में गिरने से वह झुलस गयीं। महिलाओं का आरोप है कि तोड़फोड़ का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने गालियां दीं और अभद्रता की। इस सबंध में प्रभारी निरीक्षक एएन राय का कहना है कि उपद्रवी तत्वों की तलाश में छापा मारा गया था, जो नहीं मिले। ग्रामीण पेशबंदी में आरोप लगा रहे हैं। फौजी को भी बेरहमी से पीटा सोमवार रात घेराबंदी के दौरान गांव पहुंचे एक फौजी योगेंद्र द्विवेदी को पुलिस ने लाठियों से बेरहमी से पीटा। योगेंद्र छुट्टी में मिजोरम से आये थे, चोट दिखाते हुए वह बोले खाकी का ऐसा रूप नहीं देखा था। पुलिस गांव से रिटायर सिपाही कुशलपाल सिंह व प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ भूरा सिंह के भांजे शानू, विनय व विक्की को भी पकड़ ले गयी पर बाद में छोड़ दिया।
बंद कुंडियों के पीछे सुबकते बच्चे
घाटमपुर, प्रतिनिधि : सोमवार देर रात फिर मंगलवार शाम हुई पुलिस की बर्बरता से चिरली गांव में ऐसी दहशत छायी है कि गाडि़यों की आवाज आते ही महिलाएं दुबक जाती हैं तो बच्चे सुबकने लगते हैं। घरों से पुरुष सदस्य भागे हुए हैं। सोमवार सायं पथराव की घटना के बाद जुटे भारी पुलिस बल ने देर रात गांव में तमाम लोगों को घेरकर पीटा था। अभी इसकी दहशत खत्म भी नहीं हो पायी थी कि मंगलवार सायं 4 बजे जब दोबारा भारी पुलिस बल गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। पुलिस के दोबारा तांडव के बाद गांव की गलियों में सन्नाटा छाया है। जागरण टीम जब गांव पहुंची, तो गाड़ी की आवाज सुनकर देहरी पर खड़ी महिलाएं व बच्चे धड़ाधड़ दरवाजे बंद कर अंदर दुबक गये। बाद में पुलिस न होने की जानकारी के दरवाजे खुले तो महिलाएं घरों के हालात दिखाते हुए रो पड़ीं। ग्राम प्रधान प्रत्याशी संध्या शुक्ला ने कहा, पुलिस ने घरों में लूटपाट के साथ महिलाओं से अभद्रता की। तोड़फोड़ का आरोप पेशबंदी के लिए लगाया जा रहा है। पुलिस को साफ निर्देश दिये गये हैं कि पूरी पहचान के बाद उन लोगों को गिरफ्तार किया जाये जो पुलिस पर हमला करने में शामिल थे। पुलिस गांव में आरोपियों की तलाश करने गयी थी। किसी भी घर में तोड़फोड़ या किसी से अभद्रता नहीं की गयी। -प्रेम प्रकाश, डीआईजी।
सोचिये और उपाय कीजिये कैसे रुकेगी पुलिस की गुंडागर्दी.

2 comments:

  1. नहीं रुकेगी. पुलिस बन जाओ...

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  2. विनोद जी क्या आप चिरली गए थे...आपने कुछ सच्चे,अच्छे,इमानदार ग्रामीणों से बात की ....? क्या पंचायत प्रत्यासियों का प्रोफाइल आपने खंघाला...आपको एक जागरूक ब्लोगर के नाते ऐसा चुपचाप जरूर करना चाहिए उसके बाद सच्चे तथ्यों के आधार पर अपनी विवेचना को ब्लॉग पर लिखना चाहिए ....आशा है आप इस ओर ध्यान देंगे...

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