नक्सलियों को असलहों व कारतूस की खेप पहुंचाने वाले वर्दीधारी एके-47 की एक बुलेट 217 रुपये में बेचते थे। अत्याधुनिक असलहों के बुलेट व पुर्जो के रेट भी निर्धारित थे। बहरहाल खाकी वर्दी पर दाग लगाने वाले छह वर्दीधारियों में तीन को दस दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। जिसके बाद एसटीएफ, सीआरपीएफ और रामपुर पुलिस के अधिकारी उनसे पूछताछ करने में जुट गये हैं। कोशिश यह मालूम करना है कि गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला है और अब तक नक्सलियों को हथियारों की कितनी आपूर्ति हुई। प्रारंभिक छानबीन में मालूम हुआ है कि नक्सलियों के मददगार वर्दीधारी अब तक करोड़ों रुपये के असलहे व बुलेट बेच चुके हैं। यह लोग एके-47 की एक बुलेट 217 रुपये में बेचते थे, जबकि इंसास की एक गोली 170 रु। में, एसएलआर की बुलेट 165 रु. में, थ्री नाट थ्री बुलेट 135 रु. में, जबकि . 9 एमएम की गोली 130 रु. में बेची जाती थी। इलाहाबाद के नैनी स्थित यशोदा के घर पर ही बैठक होती थी और वहीं से असलहों तथा बुलेट की खेप नक्सलियों तक पहुंचायी जाती थी। यह भी मालूम हुआ है कि गोरखपुर, मऊ व वाराणसी में मौजूद खरीदारों के पास हथियारों व बुलेट का जखीरा मौजूद है। बहरहाल इस जानकारी के बाद नक्सलियों को असलहे व कारतूस पहुंचाने वाले गिरोह के सरगना सेवानिवृत्त एसआई यशोदा नंद सिंह, आर्मोरर विनोद पासवान व विनेश सिंह को रिमांड पर लेने के बाद एसटीएफ, सीआरपीएफ व रामपुर पुलिस के अधिकारी गुप्त ठिकाने पर गहन पूछताछ कर रहे हैं। अफसरों का कहना है कि गिरोह का नेटवर्क दूर-दूर तक फैला है। आरोपियों से पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि गिरोह में कितने सदस्य हैं। अब तक कितने कारतूस, असलहे व असलहों के पुर्जे बेचे हैं। एडीजी कानून एवं व्यवस्था बृजलाल ने बताया कि लखनऊ के पुलिस अधिकारी भी आरोपियों से पूछताछ करेंगे। पुलिस अफसरों की एक विशेष टीम बनायी जा रही है। एसटीएफ का एक दल बिहार गया है। बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, मऊ व वाराणसी में गिरोह से जुड़े तीन लोगों के बारे में एसटीएफ को पुख्ता सुराग मिले हैं। वहां से भी आरोपियों को दबोचने की कार्रवाई चल रही है। गौरतलब है कि एसटीएफ ने रामपुर, मुरादाबाद व झांसी से शुक्रवार को सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक यशोदा नंद सिंह, आर्मोरर विनोद पासवान, विनेश सिंह, वंशलाल, अखिलेश पाण्डेय व कांस्टेबिल नाथीराम सैनी को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के पास से भारी मात्रा में कारतूस, बुलेट, खोखे व प्रतिबंधित बोर के असलहों के पुर्जे बरामद हुए थे। उधर डीजीपी करमवीर सिंह ने रामपुर, मुरादाबाद, झांसी, कानपुर नगर, इलाहाबाद व बस्ती आदि जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि कारतूसों के संबंध पंजीकृत किये गये अभिलेखों को विशेष आख्या के रूप में माना जाये। पुलिस टीम हर रोज उसकी प्रगति की समीक्षा करे और उससे संबंधित जानकारी पुलिस महानिरीक्षक, अपराध को प्रेषित करें। बस्ती के आर्मोरर से बरामदगी : एसटीएफ ने बस्ती जिले के आर्मोरर रामकृपाल सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से .9 एमएम कार्बाइन के 169, 9 एमएम पिस्टल का एक, कार्बाइन की दो मैगजीन, एसएलआर का एक चार्जर व पांच बुलेट, 303 के 17 कारतूस, तीन चार्जर क्लिप, इंसास की तीन बुलेट व 50 हजार रुपये बरामद किये।
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